नागपुर स्थित विधानभवन (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur News: विधानभवन क्षेत्र में किसी भी कार्य के लिए विधानमंडल सचिवालय की अनुमति आवश्यक है। नागपुर स्थित विधानभवन का स्वामित्व लोक निर्माण विभाग (PWD) के पास है। अब यह भवन सहित पूरा क्षेत्र विधानमंडल सचिवालय के स्वामित्व में होगा। पीडब्ल्यूडी ने इसके लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) दे दिया है। जल्द ही इसे शहर में पंजीकृत कर दिया जाएगा। विधायक निवास भी इसी सचिवालय के अधीन आ जाएगा।
महाराष्ट्र के गठन से पहले से ही नागपुर में विधानभवन है। यह ब्रिटिशकाल का है। पहले नागपुर को राजधानी का दर्जा प्राप्त था। महाराष्ट्र के गठन के बाद नागपुर को उप-राजधानी का दर्जा मिला। विधानमंडल का एक सत्र नागपुर में आयोजित किया जाता है। यह भवन विधानमंडल सचिवालय के नियंत्रण में है।
दस्तावेजों के अनुसार यह भवन पीडब्ल्यूडी का है। जमीन पीडब्ल्यूडी के नाम पर है। मुंबई स्थित विधानभवन पहले निर्माण विभाग के नाम पर था। बाद में इसे विधानमंडल सचिवालय के नाम पर स्थानांतरित कर दिया गया। इसी तरह नागपुर में विधानभवन और विधायक निवास की जमीन इसी सचिवालय के नाम पर स्थानांतरित की जाएगी।
विभाग द्वारा इसके लिए पत्राचार का आदान-प्रदान किया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीडब्ल्यूडी विभाग ने जमीन के हस्तांतरण के लिए एनओसी दे दी है, इसलिए अब यह जमीन विधानमंडल सचिवालय के नाम पर स्थानांतरित की जाएगी।
विधानभवन का विस्तार किया जा रहा है। इसके लिए विधानभवन से सटी त्रिकोणीय ज़मीन का भी अधिग्रहण किया जाएगा। यह जमीन महानगर पालिका की है। विधानभवन को ज़मीन हस्तांतरित करने के लिए मनपा की एनओसी ज़रूरी है। अभी तक मनपा की ओर से एनओसी नहीं दी गई है।
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सरकारी प्रिंटिंग प्रेस भी विधानमंडल को दे दी जाएगी। सरकार ने इस संबंध में निर्णय ले लिया है और जल्द ही यह जमीन विधानमंडल की संपत्ति बन जाएगी।
बता दें कि महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र नागपुर में आयोजित होता है। विधानमंडल के बाकी सभी सत्र राज्य की राजधानी मुंबई में आयोजित होते है, लेकिन शीतकालीन सत्र नागपुर विधानभवन में आयोजित होता है। इस साल राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र नागपुर में 8 दिसंबर से शुरू होगा।