प्रभाग रचना की आपत्तियों पर सुनवाई (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur News: मंगलवार को मनपा मुख्यालय में उस समय माहौल गरमा गया जब प्रारूप प्रभाग रचना पर प्रस्तुत आपत्तियों को लेकर सुनवाई का दौर शुरू हुआ। आलम यह था कि अधिकांश आपत्तिकर्ता प्रभाग के सीमांकन को लेकर प्रशासन पर उखड़ गए। यहां तक कि प्रभाग सीमांकन को लेकर मनपा की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठाते हुए मनमानी का आरोप लगाया।
लंबे समय से मनपा चुनाव को लेकर प्रश्नचिह्न होने के कारण मनपा के गलियारे सूने पड़े थे किंतु मंगलवार को अचानक सिटी के कई स्थानीय नेता, पूर्व पार्षद और राजनीतिक दल के कार्यकर्ता भी पहुंच गए जिससे अचानक मनपा के गलियारे राजनीतिक चर्चाओं से गरमा गए थे। विशेषत: लगभग साढ़े 3 वर्षों के बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई जिसकी वजह से कार्यकर्ताओं में उत्साह भी देखा गया।
सुबह 10 बजे से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार महा मेट्रो के प्रबंध निदेशक श्रावण हार्डिकर और मनपा आयुक्त अभिजीत चौधरी ने आपत्तियों पर सुनवाई की। सुनवाई के बाद उन्होंने सकारात्मक विचार करने का आश्वासन भी दिया।
मनपा चुनाव के लिए चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार शहर के पूर्व पार्षदों और प्रत्याशियों ने 4 सितंबर तक आपत्तियां दर्ज कराई थीं। हालांकि मूल आपत्तिकर्ता केवल 98 थे जिन्होंने कुल 115 आपत्तियां दर्ज की थीं। इनमें से कुछ ने जोन कार्यालय और सिविल लाइंस स्थित चुनाव केंद्र पर एक-एक आपत्ति दर्ज कराई थी। इनमें से 60 आपत्तियां वार्ड की सीमाओं को लेकर और 16 मतदाता सूची को लेकर थीं। 25 आपत्तियां वार्ड की सीमा को लेकर और 7 आरक्षण को लेकर उठाई गईं।
वाठोडा के संतरानगर और बहादुरा गांवों के कुछ हिस्सों को वार्ड 28 में शामिल किया गया था। इस पर व्यापक रोष था। पूर्व पार्षद पिंटू झलके ने चेतावनी दी कि मनपा के चुनाव विभाग द्वारा खींची गई सीमाओं को लेकर कानूनी विवाद पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि अधिकारी ने वास्तविक स्थल पर गए बिना और इसकी पुष्टि किए बिना गांव के एक हिस्से को शहर की सीमा में जोड़ दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित मतदाता सूचियों में गड़बड़ी हुई है।
पूर्व पार्षद अविनाश ठाकरे ने यह भी बताया कि शिवणगांव के नागरिकों का पुनर्वास मिहान पुनर्वास बस्ती में किया गया था और यह क्षेत्र भौगोलिक रूप से वार्ड 35 में आता है। हालांकि उन्होंने बताया कि शिवणगांव बस्ती का उल्लेख वार्ड 38 में किया गया था। उन्होंने शिवणगांव पुनर्वास का उल्लेख वार्ड 35 में करने की मांग की।
वार्ड 8 के भाजपा कार्यकर्ता राशिद शेख ने वार्ड 19 में 7 से 8 मतदान केंद्रों को शामिल करने पर आपत्ति जताई। एआईएमआईएम नेता जावेद अख्तर ने आरोप लगाया कि वार्ड 8 के मोमिनपुरा-नालसाब चौक क्षेत्र को जानबूझकर वार्ड 19 में शामिल किया गया। बसपा के सुबोध साखरे और भाजपा के दीपक अरोड़ा ने भी प्राकृतिक मुख्य सड़कों की बजाय आंतरिक सड़कों पर वार्डों के विभाजन पर आपत्ति जताई। राजेश परतेकी और अन्य ने वार्ड 13 और 14 में असंगतता की ओर इशारा किया। उन्होंने बताया कि अमरावती रोड लॉ कॉलेज चौक से फुटाला चौक तक की सड़क को अतार्किक रूप से विभाजित किया गया है।
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एनसीपी शरद पवार गुट के शहर अध्यक्ष पूर्व पार्षद दुनेश्वर पेठे और भाजपा के पूर्व नगरसेवक बंटी कुकड़े ने आसपास के वार्डों की सीमाओं में बदलाव पर आपत्ति जताई। पेठे ने कहा कि मनपा ने नया प्रारूप तैयार करते समय प्राकृतिक सीमाओं को ही बदल दिया है। लकड़गंज के कुछ इलाके को नेहरूनगर में शामिल कर दिया गया था। इस तरह के गलत सीमांकन के कारण लोगों को पिछले 5-7 सालों से परेशानी झेलनी पड़ रही है। पेठे ने कहा कि ऐसी गलतियां नागरी और प्रशासनिक बाधाएं पैदा करती हैं।
आपत्तियां | संख्या |
---|---|
सीमांकन | 60 |
मतदाता सूची | 16 |
वार्ड का क्षेत्रफल | 25 |
आरक्षण | 7 |
सीमाओं को लेकर कुछ और आपत्तियां भी आईं। इनमें से 26 आपत्तियां इलाकों के नाम से जुड़ी थीं और 16 आपत्तियां बूथों के स्थानांतरण को लेकर थीं। कुछ ने 4 सदस्यीय प्रभाग पद्धति को समाप्त करने की मांग की। 2022 से जनप्रतिनिधि चुनाव की राह देख रहे हैं। पूर्व कांग्रेस पार्षद भावना लोणारे ने बताया कि अब गलत प्रभाग थोपे जा रहे हैं।