(डिज़ाइन फोटो)
नागपुर: ऐन विधानसभा चुनाव के पूर्व जिला परिषद में भी विरोधी पक्ष व सत्ताधारियों के बीच घोटालों की राजनीति गरमा गई है। विपक्षी सदस्यों द्वारा तो आमसभा व विषय समितियों की बैठक में सत्ताधारियों पर आरोप लगाये जाते हैं लेकिन अब कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी के साथ जाने वाले कुछ पदाधिकारियों ने जिला परिषद के मामलों में सत्ताधारियों को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का हाथ छोड़कर कमल थामने वाले उदय सिंह यादव, मनोहर कुंभारे ने हाल ही में एक प्रेस परिषद में जिप महिला व बाल कल्याण विभाग में आंगनवाड़ियों के लिए सामग्री खरीदी में 30 लाख रुपयों के घोटाले का आरोप लगाया।
उनकी शिकायत पर सरकार ने विभागीय आयुक्त स्तर पर 3 सदस्यीय समिति गठित कर जांच के निर्देश भी दिये हैं। इस घोटाले में महिला व बाल कल्याण सभापति अवंतिका लेकूरवाले के भी शामिल होने का संदेह जताया गया है। हालांकि इन आरोपों को सभापति ने सिरे से खारिज कर चुनौती दी है कि वे लगाये गए आरोपों को साबित कर दिखाएं।
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लोकसभा चुनाव के समय भी पूर्व अध्यक्ष रश्मि बर्वे को टारगेट किया गया था लेकिन विपक्षी मात खा गए थे। चर्चा है कि अब विधानसभा के पूर्व फिर उसी तर्ज पर विपक्ष सक्रिय हो गया है। जिप में सत्ताधारियों का कहना है कि लोस में हार की खीझ अब तक उतरी नहीं है, इसलिए चुनाव के पूर्व फिर वही हरकत शुरू कर दी गई है। इस चुनाव में भी वे अपनी मंशा में सफल नहीं हो पाएंगे।
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लेकूरवाले ने विरोधियों पर ताना मारते हुए कहा कि लोस चुनाव की हार भाजपा नेताओं के दिल पर लगी है। उससे वे अब तक उबर नहीं पाये हैं। वैसा ही परिणाम विधानसभा चुनाव में भी होगा। उन्होंने कहा कि श्रेणीवर्धन घोटाले की जांच सत्तापक्ष ने ही शुरू की। उस मामले में शिकायत दर्ज की गई है। यह केवल नागपुर नहीं बल्कि 17 जिलों का मामला है। उसकी संपूर्ण जांच हुई तो मंत्री तक आंच पहुंच सकती है। खुद के मंत्री को बचाने के लिए बीजेपी की छटपटाहट शुरू होने का आरोप उन्होंने लगाया। उन्होंने सवाल किया कि विभाग के अधिकारियों पर ऊपरी दबाव, 2 दिनों में आपूर्तिकर्ता को निधि भुगतान का आदेश किसने दिया? सभापति का नाम लेने का दबाव सीडीपीओ पर कौन डाल रहा है? उन्होंने कहा कि पैरों तले जमीन खिसकता देख बीजेपी की ओर से यह सब शुरू है।
सभापति ने पलटवार कर कहा कि कामठी विधानसभा क्षेत्र में शुरू कार्यों का ठेका एक नेता के भाई को ही कैसे मिलता है। शाला की जमीन पर अतिक्रमण एक दिन में हटाने के कारण नेता बौखला गए हैं। उन्होंने दावा किया कि कामठी विस क्षेत्र में कांग्रेस को मिल रहे प्रतिसाद को देखते हुए उनके पैरों तले जमीन खिसक गई है। भाजपा नेता आरोप सिद्ध करें अन्यथा नोटिस भेजेंगी। कामठी क्षेत्र में जो घोटाले हुए हैं उसकी सबूतों के साथ जानकारी भी देंगी। (निज संवाददाता)