
राजा बख्त बुलंद शाह को मुस्लिम बताकर जमीन हड़पने की साजिश (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: भाजपा शहर अध्यक्ष दयाशंकर तिवारी ने आरोप लगाया है कि नागपुर के संस्थापक गोंड राजा बख्त बुलंद शाह को मुस्लिम बताकर वक्फ बोर्ड के माध्यम से जमीन हड़पने की साजिश की जा रही है। वे गुरुवार को आयोजित प्रेस-वार्ता में बोल रहे थे। तिवारी के अनुसार, वक्फ बोर्ड शहर में गोंड राज परिवार की जमीन पर कब्ज़ा करने के प्रयास में जुटा है। इसे उन्होंने ‘लैंड जिहाद’ बताते हुए जिलाधिकारी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। प्रेस-वार्ता में गोंड राज परिवार के वीरेंद्र शाह के साथ आकाश मड़ावी, पवन तिवारी, ललित पवार, विनोद मसराम, संतोष धुर्वे, रोहित कुंबरे और अनिकेत कुंबरे भी मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि गोंड राजा बख्त बुलंद शाह की समाधि स्थल पर उनके परिवारजनों की भी अनेक समाधियां हैं। 3 एकड़ भूमि पारिवारिक श्मशान भूमि के लिए आरक्षित है, परंतु अब मात्र डेढ़ एकड़ भूमि ही शेष है। दो वर्ष पूर्व जिलाधिकारी ने रानी साहिबा मनोरमा देवी शाह को उसी श्मशान भूमि में दफनाने की अनुमति भी दी थी। इसके बावजूद वक्फ बोर्ड द्वारा उस भूमि पर कब्ज़े का प्रयास किया जा रहा है।
तिवारी ने बताया कि नागपुर त्रिशताब्दी वर्ष के दौरान बख्त बुलंद शाह की प्रतिमा स्थापना को लेकर विरोध हुआ था, परंतु इस मामले में गठित समिति के अध्यक्ष उमेश चौबे ने दस्तावेज़ी प्रमाणों के आधार पर साबित किया कि बख्त बुलंद शाह हिंदू राजा थे। इसके बाद कलेक्टर ने प्रतिमा स्थापना की अनुमति दी थी।
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उन्होंने बताया कि वर्ष 1912 के पुरातत्व विभाग के दस्तावेज़ों में स्पष्ट उल्लेख है कि यह भूमि गोंड राजा की समाधि है। पुराने 7/12 उतारे में वर्ष 2022 तक जमीन वर्तमान वारिस वीरेंद्र शाह के नाम पर दर्ज थी, जिसके बाद इसे एनआईटी के नाम दर्ज किया गया। आखिव पत्रिका में स्वामित्व दर्ज करने को लेकर वीरेंद्र शाह और एनआईटी के बीच विवाद प्रशासन के विचाराधीन है। तिवारी ने कहा कि एनआईटी द्वारा ही समाधि के सौंदर्यीकरण हेतु 8 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि दखल देकर यह भूमि गोंड राज परिवार को हस्तांतरित कराई जाए।






