सीमेंट सड़कों के खिलाफ याचिका पर सुनवाई (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Hearing on Petition Against Cement Roads: महानगर पालिका द्वारा सीमेंट सड़कों के चौथे चरण का काम चल रहा है। वहीं जनमंच ने नागरिकों को हो रही असुविधा के खिलाफ उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है। अदालत में बुधवार को इस मामले की सुनवाई होनी थी लेकिन न्यायमूर्ति अनिल किलोर ने जनमंच से अपने घनिष्ठ संबंध के कारण याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
याचिका में याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि सीमेंट सड़कों का निर्माण तकनीकी नियमों और कानूनों की अनदेखी करके किया गया है। जनमंच का यह भी कहना है कि इससे जनता को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इस मामले में केंद्रीय परिवहन मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, राज्य सरकार का शहरी विकास विभाग, लोक निर्माण विभाग, नागपुर नगर निगम और एमएसआईटीसी को भी प्रतिवादी बनाया गया है। उच्च न्यायालय ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
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शहर की रिंग रोड भी सीमेंट से बनी है और सड़क निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया। नतीजतन सीमेंट की सड़कें कई जगहों से उखड़ गईं। ठेकेदारों को टेंडर देने के बाद संबंधित अधिकारियों ने गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया। इसलिए सीमेंट की सड़कें इस तरह उखड़ने लगीं।
कुछ रिहायशी इलाकों में भी सीमेंट की सड़कें बनाई गईं लेकिन सीमेंट की सड़कों की ऊंचाई ज़्यादा होने के कारण मानसून में पानी की निकासी नहीं हो पाती। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि नतीजतन आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।