'समर कैंप' की ओर बढ़े अभिभावकों के कदम। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: स्कूलों और कॉलेजों में गर्मी की छुट्टियां लगने वाली हैं। इनका सदुपयोग कर कौशल विकास करने और कुछ सीखकर हुनरमंद बनने का क्रेज आज बढ़ रहा है। इसे लेकर आयोजकों और प्रतिभागियों दोनों में उत्साह रहता है। जगह-जगह और सोशल मीडिया पर समर कैंप के इश्तेहार की भी भरमार है।
गर्मी की छुट्टियों के दौरान व्यक्तित्व विकास, पाक कला, संगीत कला, खेल, शिवकालीन शस्त्र कला, नृत्य संगीत और कई तरह के एक सप्ताह से एक महीने तक की अवधि के कैंप का आयोजन होता है। नौजवानों, बच्चों, महिलाओं और अभिभावकों के कदम कैंप की तरफ बढ़ने लगे हैं। अपने-अपने मनपसंद क्षेत्र में प्रवेश के लिए पूछताछ शुरू हो गई है।
वैसे तो बच्चों में एरोबिक्स, योगा, स्केटिंग, स्पोकन इंग्लिश, किड्स वेस्टर्न डांस, मेहंदी, पेंटिंग जैसे हुनर सीखने का जज्बा दिखाई दे रहा है लेकिन कोई एक खेल जैसे क्रिकेट, बैडमिंटन, बास्केटबॉल की तरफ भी रुझान ज्यादा है। आयोजकों ने बताया कि उनके समर कैंप के लिए सीटें फुल हो चुकी हैं। वे बैडमिंटन और फिटनेस की कोचिंग कराते हैं।
छुट्टियों में हुनर सीखने का क्रेज
अभिभावक अपने बच्चों को कुछ समय के लिए मोबाइल से दूर खेल सिखाने में इस बार ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं। 2 महीनों में सीखा हुनर बेकार नहीं जाता, बल्कि इस बहाने अच्छी आदतें भी लग जाती हैं, जो जिंदगी में हरदम काम आती हैं। इसी तरह पेंटिंग, इंस्ट्रूमेंट म्यूजिक प्ले, कल्चरल डांस, वोकल म्यूजिक और इंटीरियर डिजाइन कोर्स, कुकिंग क्लास के भी शहर में कैंप हो रहे हैं।
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कहीं एक सप्ताह में 2 घंटे का डांस और अन्य क्लास की फीस 500 रुपये से शुरू हो रही है तो कुछ रहवासी कैंप की फीस 3,000 रुपये तक भी है. शहर से ट्रेकिंग के लिए हिल स्टेशन पर 15 दिनों के भी कैंप का आयोजन भी किया जाता है जिसकी फीस 20,000 तक या इससे भी अधिक है. इस तरह के कैंप को भी अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।
बता दें कि अमोली मैत्री संघ पिछले 3 वर्षों से बच्चों के लिए इसी तरह ‘मोबाइल फ्री’ उपक्रम चला रहा है। इस पहल को सभी छोटे बच्चों और उनके अभिभावकों से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। भविष्य में इस पहल के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों को क्रियान्वित करने का इरादा अमोली मैत्री संघ का है।
अमोली मैत्रेयी संघ की आरती हनवते ने कहा कि आज के युग में अच्छे संस्कारों की आवश्यकता है। अमोली मैत्रेयी संघ की ‘मोबाइल फ्री संडे’ पहल बच्चों के लिए एक विशेष पहल साबित हुई है, बच्चों को पर अच्छे संस्कार भी देती है। तो वहीं मोबाइल फ्री संडे एक उत्कृष्ट पहल है। अमोली मैत्रेयी संघ विकास और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहा है, ऐसी प्रतिक्रिया अभिभावकों से आई है।