नागपुर यूनिवर्सिटी के उपकुलपति सुभाष चौधरी दूसरी बार सस्पेंड (फोटो सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: नागपुर विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ. सुभाष चौधरी को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। चौधरी को राज्यपाल रमेश बैस ने दूसरी बार सस्पेंड किया है। इस संबंध में गुरुवार को शाम 5 बजे राज्यपाल कार्यालय से पत्र प्राप्त हुआ। अचानक बदले घटनाक्रम के बाद एक बार फिर नागपुर विश्वविद्यालय की राजनीति में गरमा गई है।
जानकारी के लिए बता दें कि राज्यपाल रमेश बैस ने चौधरी के खिलाफ जांच के आदेश दिये थे। जांच पूरी होने के बाद राज्यपाल ने डॉ. चौधरी को स्पष्टीकरण देने के लिए उपस्थित रहने का नोटिस जारी किया था। इसके बाद उन्होंने समूची जांच प्रक्रिया को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। डॉ. चौधरी की ओर से पिछले हफ्ते याचिका पर सुनवाई के लिए प्रयास किया गया था लेकिन कुछ कारणों से कोर्ट ने इनकार कर दिया।
जस्टिस विभा कंकणवाडी और जस्टिस वृषाली जोशी की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की थी। सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष ने याचिका निरस्त करने का आग्रह किया था। डॉ. चौधरी ने हाई कोर्ट में पिछली बार जांच नियमानुसार नहीं होने का दावा करते हुए याचिका दाखिल की थी। हालांकि, सरकारी पक्ष ने कोर्ट में कहा कि इस बार सभी नियमों का पालन करते हुए जांच प्रक्रिया की गई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने इस पर सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट की ओर से राहत नहीं मिलने के बाद उपकुलपति डॉ. सुभाष चौधरी ने सामने स्पष्टीकरण दर्ज कराया था। इसी आधार पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।
गुरुवार को आदेश प्राप्त होते ही चौधरी ने उपकुलपति पद छोड़ दिया। अब जल्द ही प्रभारी उपकुलपति के तौर पर गोंडवाना विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ. प्रशांत बोकारे की नियुक्ति की जा सकती है। दूसरी बार निलंबन की कार्रवाई से विश्वविद्यालय की राजनीति गरमा गई है। भविष्य में इस कार्रवाई का असर विश्वविद्यालय में देखने को मिलेगा।