
नागपुर यूनिवर्सिटी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur University Pro-VC: राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में उपकुलपति की नियुक्ति के बाद प्र-उपकुलपति की नियुक्ति पर सभी की नजरें लगी हुई हैं। माना जा रहा है कि मनपा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद नियुक्ति की दिशा में हलचल आरंभ हो जाएगी। इसके साथ ही विवि की राजनीति में नये बदलाव भी देखने को मिलेंगे।
करीब दो वर्ष बाद 100 से अधिक पुराने नागपुर विवि को नियमित उपकुलपति मिला है लेकिन अभी और भी पदों पर नियुक्तियां बाकी हैं। प्र-उपकुलपति का पद ‘को-ऑप’ होता है। यानी उपकुलपति के साथ ही पद बना रहता है। फिलहाल पद के लिए लाबिंग शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि यह पद शिक्षक मंच के ही सहयोगी एबीवीपी को अवसर मिल सकता है। हालांकि 2-3 नामों को लेकर चर्चा गर्म है।
फिलहाल कई बोलने को तैयार नहीं है। मनपा चुनाव की आचार संहिता 16 जनवरी तक लागू है। इसके बाद ही प्र-उपकुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इसके लिए प्रबंधन परिषद की बैठक बुलाई जाएगी। बैठक में उपकुलपति 2-3 उम्मीदवारों के नाम रखेंगी।
परिषद सदस्यों की सहमति के बाद किसी एक उम्मीदवार की नियुक्ति की जाएगी। विवि प्रशासन में उपकुलपति के बाद प्र-उपकुलपति का पद महत्वपूर्ण माना जाता है। परीक्षा विभाग सहित अन्य जिम्मेदारियां प्र-उपकुलपति के हिस्से में आती हैं।
फिलहाल विवि में चारों संकायों के अधिष्ठाता का कार्यकाल भी खत्म हो गया है। विस्तारीकरण के बाद पदभार बढ़ाया गया है। यह पदभार दो बार बढ़ाया जा चुका है, लेकिन जब उपकुलपति की नियुक्ति हो चुकी है तो विवि को नई नियुक्तियां करनी होंगी। इसके लिए पहले विज्ञापन जारी किये जाएंगे। इसके बाद चयनित उम्मीदवारों के नाम फाइनल होंगे।
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बताया जा रहा है कि विवि की शीत और ग्रीष्म परीक्षाओं की समाप्ति के बाद ही नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। यानी अप्रैल के बाद ही अधिष्ठाताओं की नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ हो सकेगी। उल्लेखनीय है कि अधिष्ठाताओं के पद प्रशासकीय होते हैं, जो पांच वर्ष के लिए होते हैं।
इन दिनों विवि में नियमित परीक्षा संचालक भी नहीं है। करीब तीन वर्ष से अधिक समय से प्रभारी के भरोसे कामकाज चलाया जा रहा है। पिछले दिनों नई नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इच्छुकों ने आवेदन भी जमा किये। इसके लिए 17 व 18 दिसंबर को साक्षात्कार लिया जाना था, लेकिन स्थानीय निकाय चुनावों की आचार संहिता के चलते साक्षात्कार पर रोक लगा दी गई। अब आचार संहिता खत्म होने के बाद ही साक्षात्कार होगा।






