फर्जी बिल प्रस्तुत कर नापतौल कार्यालय से धोखाधड़ी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: कृषि उपज मंडी समिति लाखनी के तत्कालीन संचालक मंडल ने वर्ष 2020 में मंडी समिति लाखनी के मुख्य प्रांगण में 60 मीट्रिक टन क्षमता वाला नया वाहन कांटा स्थापित किया था। नियमानुसार किसी भी वाहन कांटे को चालू करने से पहले उसे निरीक्षक वैध माप विज्ञान कार्यालय से सत्यापित एवं मुहर लगवाना होता है। इसके लिए उक्त कार्यालय में वाहन कांटा का पक्का क्रय बिल तथा जिस कंपनी के नाम वाहन कांटा बिल है, उसका मेंडल अप्रूवल एवं अन्य दस्तावेज होना अनिवार्य एवं बाध्यकारी है।
तत्कालीन संचालक मंडल ने अपने नाम से फर्जी जीएसटी बिल तैयार किया है, जबकि वाहन कांटा श्री वेटोट्रॉनिक्स वेइंग सिस्टम रायपुर से 5,08,580/- रुपए में तथा 1000 किलोग्राम वजन 2,08,580/- रुपए में क्रय किया गया था। 70,000/-, जबकि उक्त जीएसटी नंबर 01.10.2019 को रद्द कर दिया गया था, भले ही उक्त फर्जी बिल वैध मेट्रोलॉजी कार्यालय, साकोली को 14.03.2020 को जमा किया गया था। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दीपराज इलमकर ने संयुक्त नियंत्रक, वैध मेट्रोलॉजी, संभागीय कार्यालय, नागपुर में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि विभाग को 14.03.2020 को जमा करके धोखा दिया गया था।
वैध माप-तौल कार्यालय ने जब शिकायत की जांच की तो पता चला कि वाहन कांटा संसुई कंपनी द्वारा प्रस्तुत किया गया है, जबकि उसी कंपनी का मॉडल अनुमोदन प्रस्तुत करना अनिवार्य है, चूंकि उन्होंने फिलिप्स कंपनी का मॉडल अनुमोदन प्रस्तुत करके विभाग को धोखा दिया है और चूंकि यह साबित हो गया है कि उक्त वाहन कांटा गैर-मानक है, इसलिए इसे जारी नहीं रखा जा सकता है। इसलिए, उक्त वाहन कांटा, पी. एम. बिरादर, संयुक्त नियंत्रक, वैध माप-तौल संभागीय कार्यालय, नागपुर, ए. आर. कोहरू, निरीक्षक, वैध माप-तौल कार्यालय, साकोली के मार्गदर्शन में, 09.09.2025 को उक्त वाहन कांटा जब्त कर लिया गया है और इसे सील कर दिया गया है और वाहन कांटा बंद कर दिया गया है।
गांव में चर्चा है कि उक्त वाहन कांटा बंद होने से समिति को प्रति माह 60,000/- रुपये का अनुमानित वित्तीय नुकसान होगा। जांच में यह भी पता चला है कि श्री वेटोट्रॉनिक्स वेइंग सिस्टम रायपुर ने कभी भी बाजार समिति को 60 मीट्रिक टन क्षमता का वाहन कांटा 5,08,580/- रुपए में और 1000 किलोग्राम बाट 70,000/- रुपए में नहीं बेचा है। लाखनी, और उन्होंने यह भी बयान दिया है कि उन्होंने समिति के नाम पर बिल भी नहीं दिया है, जबकि समिति के सचिव संजय परोदे ने बयान दिया है कि उन्होंने श्री वेटोट्रॉनिक्स वेइंग सिस्टम रायपुर से 60 मीट्रिक टन क्षमता का वाहन कांटा और 1000 किलोग्राम बाट नहीं खरीदा है।
ये भी पढ़े: ST बसों में यात्रियों को नहीं मिल रही जगह, बस फेरियां बढ़ाने की मांग, यात्रियों की तुलना में बसें कम
विधिक माप विज्ञान कार्यालय साकोली में बाजार समिति ने श्री वेटोट्रॉनिक्स वेइंग सिस्टम रायपुर के फर्जी बिल प्रस्तुत कर जनता और सरकार को धोखा देने के तत्कालीन संचालक मंडल के उद्देश्य की जांच की मांग की है। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दीपराज इलमकर ने मांग की है कि फर्जी और जाली बिल पेश कर जनता और सरकार को गुमराह करने तथा जीएसटी चोरी कर जनता और सरकार को धोखा देने के आरोप में तत्कालीन निदेशक मंडल और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।