चंद्रशेखर बावनकुले (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur News: नागपुर शहर का विकास अब नया नागपुर के रूप में आकार ले रहा है। लाडगांव, गोधनी रिठी जैसे इलाकों में होने वाले इस विस्तार को लेकर लोगों में भारी उत्सुकता है। इन क्षेत्रों के अधिकांश किसान गुमगांव में निवास करते हैं। इस नये महानगर के विकास के दौरान जिन किसानों की जमीनें अधिग्रहित की जाएंगी उन्हें नियमानुसार अधिकतम मुआवजा मिले, इसके लिए नागपुर महानगर विकास प्राधिकरण प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जो कुछ भी संभव हो वह प्रभावितों को दिया जाए। किसी के साथ अन्याय नहीं होगा और न्यू नागपुर के विस्तार में सबका साथ लेकर कार्य किया जाएगा। इस संदर्भ में जिला नियोजन भवन में हुई बैठक में वे बोल रहे थे। बैठक में सांसद श्यामकुमार बर्वे, विधायक कृपाल तुमाने, नितिन राऊत, कृष्णा खोपड़े, प्रवीण दटके, एनएमआरडीए आयुक्त संजय मीणा, पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम, सहआयुक्त सचिन ढोले पाटील, अतिरिक्त जिलाधिकारी प्रविण महिरे सहित अन्य अधिकारी व संबंधित गांव के किसान उपस्थित थे।
किसान प्रतिनिधि किशोर आष्टनकर ने कहा कि हमारा नये नागपुर के विकास का विरोध नहीं है। हम भी इसमें सहभागी होना चाहते हैं लेकिन हमारी जो जमीनें ली जा रही हैं उनमें से कुछ प्लॉट नियमानुसार हमें मिलने चाहिए। बावनकुले ने कहा कि जिन किसानों की जमीनें ली जाएंगी उनकी एक 5 सदस्यीय समिति बनाई जाएगी। यह समिति नागपुर विकास प्राधिकरण, नागपुर सुधार प्रन्यास और राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद करेगी। सरकार की भूमिका यह होगी कि नियमों के अनुसार अधिकतम लाभ किसानों को दिलाया जाए।
बैठक में बताया गया कि एनआईटी क्षेत्र के तहत गुंठेवारी पद्धति से ली गई जमीन पर लोग वर्षों से रह रहे हैं। इनमें से कई भूखंड आरक्षण के कारण प्रभावित हैं। नगर भूमापन विभाग द्वारा मोजमाप के बाद उनका नियमितीकरण शुरू होता है। इस प्रक्रिया में आने वाली अड़चनों को देखते हुए सरकार जल्द ही इस पर स्पष्ट नीति घोषित करेगी।
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बावनकुले ने कहा कि सभी गुंठेवारी धारकों को राहत दी जाएगी। गुंठेवारी के मापन का अधिकार एनआईटी व एनएमआरडीए को देने का प्रस्ताव है। इसके लिए जमाबंदी आयुक्त को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं। मापन के लिए सेवानिवृत्त मापन अधिकारी और अनुभवी लोगों का पैनल बनाकर प्रक्रिया को गति दी जाएगी।