विदेश मंत्री एस. जयशंकर, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
S Jaishankar meetings in New York: न्यूयॉर्क में आयोजित G20 विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बार फिर आतंकवाद के मुद्दे को दुनिया के सामने कड़ा संदेश देते हुए उठाया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आतंकवाद के प्रति न तो सहनशीलता दिखाई जानी चाहिए और न ही किसी तरह की रियायत दी जानी चाहिए। जयशंकर ने आतंकवाद को वैश्विक शांति और विकास का सबसे बड़ा दुश्मन बताया और कहा कि जो देश इसके खिलाफ कदम उठाते हैं, वे वास्तव में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सेवा करते हैं।
जयशंकर ने मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि आज आतंकवाद विकास की राह में लगातार सबसे बड़ी रुकावट बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय शांति और वैश्विक विकास के आपसी संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि हाल के समय में दोनों में गिरावट दर्ज की गई है। उनके अनुसार, आतंकवाद न केवल शांति को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि विकास की रफ्तार को भी रोक देता है।
My remarks at the G20 Foreign Ministers’ Meeting in New York. #UNGA80
https://t.co/q0ThDeo5Zc — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 25, 2025
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि दुनिया इस समय संघर्ष, आर्थिक दबाव और आतंकवाद जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षवाद (मल्टीलैटरिज्म) की सीमाएं साफ दिखाई देती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बहुपक्षीय व्यवस्था में सुधार की ज़रूरत अब पहले से कहीं ज्यादा है। जयशंकर ने आगे कहा कि वर्तमान में राजनीतिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर वैश्विक हालात अस्थिर बने हुए हैं।
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जी20 की अहमियत बढ़ाने की बात करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आज दुनिया बहुपक्षीय संस्थाओं की कमी महसूस कर रही है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की सीमाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह संगठन मौजूदा चुनौतियों का समाधान करने में नाकाम साबित हो रहा है। जयशंकर ने बहुपक्षवाद में सुधार पर जोर देते हुए जी20 की भूमिका को और मजबूत करने की आवश्यकता बताई। उनका कहना था कि जी20 देशों की यह खास जिम्मेदारी है कि वे संगठन को स्थिर और प्रभावशाली बनाएं। इसके जरिए आतंकवाद का कूटनीति और संवाद के माध्यम से डटकर सामना किया जा सकता है, साथ ही ऊर्जा और आर्थिक सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।