मौसम की सटीक जानकारी देने वाला अनोखा फुटबॉल (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: क्षेत्रीय मौसम विभाग से मोबाइल फोन पर हमेशा संदेश आते रहते हैं कि अगले 3 घंटों में कुछ क्षेत्रों में भारी या अति भारी वर्षा के साथ तूफान और तेज हवाएं चलने की संभावना है। लेकिन मौसम विभाग यह पूर्वानुमान कैसे लगाता है, यह सवाल हर किसी के मन में ज़रूर उठ रहा होगा। इसका जवाब है फुटबॉल के आकार का ‘डॉप्लर वेदर रडार सिस्टम’। इस रडार की मदद से मौसम विभाग लगभग 400 से 500 किलोमीटर की दूरी तक के मौसम का सटीक अनुमान लगा सकता है।
यह ‘डॉप्लर वेदर रडार सिस्टम’ है, जो अत्याधुनिक तकनीक से भरपूर है। यह रडार उस फुटबॉल के अंदर काम कर रहा है, जो न केवल मौसम, यानी बारिश पर नज़र रखता है, बल्कि सटीक मौसम पूर्वानुमान भी देता है। इस रडार की मदद से विद्युत चुम्बकीय तरंगों का उपयोग करके वायुमंडल में होने वाले बदलावों का अवलोकन और अध्ययन किया जाता है। डॉप्लर वेदर रडार 24 घंटे आकाश में रेडियो तरंगें (संकेत) भेजता है। इन्हें विद्युत चुम्बकीय तरंगें कहते हैं।
जैसे-जैसे ये संकेत अंतरिक्ष में सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करते हैं, वे वर्षा की बूंदों, बर्फ़ या वर्षा के अन्य तत्वों से टकराते हैं। फिर ये संकेत रडार पर वापस परावर्तित होते हैं। मौसम केंद्र पर काम करने वाले वैज्ञानिक तब वायुमंडल में आर्द्रता, वर्षा की मात्रा, और हवा की दिशा और गति को मापते हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के डॉप्लर रडार विभाग के प्रमुख डॉ. श्रीकांत टी. एस. ने बताया कि इसके आधार पर सटीक भविष्यवाणी की जाती है कि कहां बारिश होगी और कहां तूफ़ान आएगा और उन शहरों के लिए रेड, ऑरेंज या येलो अलर्ट जारी किए जाते हैं।
फ़िलहाल, ‘डॉप्लर वेदर रडार’ महाराष्ट्र के केवल मुंबई और नागपुर के मौसम केंद्रों में ही काम कर रहा है। हालांकि, उन्होंने बताया कि निकट भविष्य में यह रडार पुणे और राज्य के अन्य प्रमुख शहरों में भी लगाया जाएगा। इस समय, पूरे भारत में लगभग 40 डॉप्लर वेदर रडार काम कर रहे हैं।
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डॉप्लर मौसम रडार मौसम केंद्र को देश के किन हिस्सों में तूफ़ान आएगा, किन हिस्सों में भारी बारिश होगी, कहां तेज़ हवाएं चलेंगी, और मौसम में होने वाले बदलावों की सटीक जानकारी देता है। इसके बाद, पुनः जांच और विश्लेषण के बाद, यह जानकारी तुरंत ज़िला आपदा प्रबंधन विभाग को भेज दी जाती है। इसलिए, प्राकृतिक आपदा आने से पहले ही नागरिकों को ऐसे संदेश भेजे जाते हैं। और प्रशासन निचले इलाकों या नदियों के किनारे रहने वाले नागरिकों को तुरंत सचेत करता है।
इसलिए, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन की तैयारी के लिए यह जानकारी बहुत उपयोगी है। ख़ास बात यह है कि मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी से किसानों को भी फ़ायदा होता है। क्योंकि इस जानकारी के आधार पर किसान बुवाई की योजना बना सकते हैं।
इससे यह सवाल भी उठता है कि डॉप्लर मौसम रडार को फुटबॉल जैसे बड़े गोल गुंबद के अंदर क्यों रखा गया था। इसकी अहम वजह यह है कि गुंबद के अंदर फुटबॉल जैसा दिखने वाला बड़ा एंटीना 24 घंटे 360 डिग्री घूमता रहता है। इस रडार को फुटबॉल जैसे दिखने वाले गुंबद में इसलिए लगाया जाता है ताकि इससे निकलने वाली विद्युत चुम्बकीय तरंगों का किसी और पर कोई बुरा असर न पड़े।
इसके अलावा, रडार के लिए ज़रूरी तापमान बनाए रखने और रडार को गर्मी, हवा, ओलावृष्टि और भारी बारिश से बचाने के लिए भी ऐसे डॉप्लर मौसम रडार गुंबद में ही लगाए जाते हैं।