नागपुर में भारी बारिश के कारण भर गया था पानी (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: नागपुर समेत पूरे विदर्भ में 8 और 9 जुलाई को जमकर बारिश हुई थी। नागपुर, वर्धा, गोंदिया, भंडारा, गड़चिरोली और चंद्रपुर जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी। इसे लेकर महाराष्ट्र के आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने सोमवार को विधानसभा में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 8 और 9 जुलाई को हुई भारी बारिश के बाद विदर्भ क्षेत्र में राहत और पुनर्वास कार्य जारी हैं।
मंत्री गिरीश महाजन ने विधानसभा में कहा कि सभी प्रशासनिक मशीनरी को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि प्रभावित नागरिकों को तुरंत और पारदर्शी तरीके से सहायता पहुंचाई जा सके। राज्य के पूर्वी हिस्से में स्थित नागपुर और अमरावती संभागों में हाल में मूसलाधार बारिश हुई जिससे भारी नुकसान हुआ। इसमें 8 लोगों की मौत हुई और घरों व फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा।
मंत्री महाजन ने कहा कि जिलाधिकारियों को आपदा राहत से संबंधित निर्णय लेने के लिए पूर्ण अधिकार दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि 20,854 हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है और 29,920 किसान प्रभावित हुए हैं।
नागपुर संभाग में 7 लोगों की मौत हुई, 4 घायल हुए, जबकि 17 बड़े और 10 छोटे पशुओं की मौत हुई। कुल 1,927 मकानों को आंशिक नुकसान हुआ और 40 मकान पूरी तरह ढह गए। नुकसान का आकलन अभी जारी है। अमरावती संभाग में एक व्यक्ति की मौत होने की सूचना है। वहां 180 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए और नौ मकान पूरी तरह ढह गए।
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गिरीश महाजन ने बताया कि 30 मई को जारी सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के अनुसार, जिन लोगों के मकान ढह गए हैं, उन्हें जिला स्तर पर वित्तीय सहायता पहले ही दी जा चुकी है, जबकि 28 जुलाई, 2023 के जीआर के तहत घरेलू बर्तन और कपड़े जैसी सहायता छोटे दुकानदारों और फेरीवालों को मुहैया कराने की समयसीमा बढ़ा दी गई है।
मंत्री ने सदन को बताया कि इस संभाग में चार पशुओं की भी मौत हुई और 3,411 हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार सभी प्रभावित लोगों और परिवारों को शीघ्र मुआवजा और पुनर्वास प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)