
File Photo
नागपुर. प्रादेशिक मनोरुग्णालय परिसर में बन रहे जिला अस्पताल का कार्य काफी कुछ हो गया है. पिछले दिनों अतिरिक्त कार्यों के लिए सरकार की हाई पॉवर कमेटी ने 15 करोड़ रुपये को मंजूरी दी है लेकिन अधिसूचना जारी नहीं होने से मामला अटका हुआ है. दूसरी ओर सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के संचालक के निर्देश के बाद 100 की बजाय 400 बेड का प्रस्ताव तैयार कर भेज दिया गया है. सरकार ने गंभीरता दिखाई तो वर्ष के अंत तक अस्पताल शुरू हो सकता है.
प्रत्येक जिला मुख्यालय में एक जिला अस्पताल की स्थापना की घोषणा 2013 में कांग्रेस सरकार ने की थी. इसके बाद सत्ता बदली, भाजपा-सेना की सरकार सत्ता में आने के बाद अस्पताल निर्माण को लेकर हलचल शुरू हुई. तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. दीपक सावंत ने भी एक बार फिर से जिला अस्पताल बनाने की घोषणा की. निर्माण कार्य के लिए २८ करोड़ ५ लाख रुपये की निधि को प्रशासकीय मान्यता भी मिली लेकिन समय पर प्रत्यक्ष रूप से कार्य ही शुरू नहीं हुआ. 100 बेड के इस अस्पताल के लिए प्रादेशिक मनोरुग्णालय में जगह तय की गई. २०१६ में ८ एकड़ जगह पर निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया गया. ४ अप्रैल २०१६ को निर्माण कार्य के लिए आवश्यक निधि सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग की तिजोरी में हस्तांतरित की गई.
हालांकि भूमिपूजन 2016 में किया गया था लेकिन काम की शुरुआत २०१८ में हुई. करीब डेढ़ वर्ष के भीतर अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा होना था लेकिन अभी भी काम अधूरा ही है. अस्पताल का निर्माण कुल 59 करोड़ में किया जाना है. पहले चरण में 28 करोड़ उपलब्ध हुये थे. इसके साथ अतिरिक्त कार्य के लिए 15 करोड़ मंजूर किये गये. निधि को हाई पावर कमेटी की मान्यता तो मिली लेकिन अधिकृत आदेश जारी नहीं हुआ है. वर्तमान में कमरों में टाइल्स लगाने का काम हो गया है. इन दिनों सुरक्षा दीवार और भीतरी सड़कों को तैयार किया जा रहा है.
जिला शल्यचिकित्सक डॉ. निवृति राठौड़ ने बताया कि नियमानुसार निर्माण कार्य 70 फीसदी तक होने के बाद पदों की मंजूरी का प्रस्ताव भेजा जाता है. अस्पताल के लिए कुल 214 पद मंजूर हुये हैं. इनमें वर्ग-1 से वर्ग-4 तक के पदों का समावेश हैं. 19 पद पहले से ही मंजूर है. यानी अब 195 पदों को मंजूरी मिलना बाकी है. उम्मीद है कि करीब 5 महीने में अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग ने संचालक ने निरीक्षण किया था. उसके बाद बेड की संख्या बढ़ाकर प्रस्ताव भेजने को कहा था. पहले 100 बेड की मंजूरी मिली थी. अब 300 नये बेड सहित कुल 400 बेड का प्रस्ताव विभाग को भेज दिया गया है.
अस्पताल में एक्सरे, सीटी स्कैन से लेकर एमआरआई जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी. उम्मीद है कि अस्पताल के शुरू होने के बाद मेडिकल और मेयो पर मरीजों का दबाव कम हो सकेगा. अस्पताल बनने के बाद जिले के मरीजों को यहां सुविधा मिल सकेगी. स्वास्थ्य विभाग का इतने अधिक बेड वाला कोई भी अस्पताल नहीं है.
-डॉ. निवृति राठोड़, जिला शल्य चिकित्सक






