
सीएम फडणवीस का दावोस दौरा (सौजन्य-सोशल मीडिया)
नागपुर: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (देवाभाऊ) ने दावोस में धमाल कर दिया। पूरे राज्य के लिए 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश लाने में सफलता अर्जित की है। सबसे बड़ी बात यह है कि अब तक उपेक्षित समझे जाने वाले नागपुर को भी इस बार अच्छी हिस्सेदारी मिली है।
सोलर पैनल और लिथियम बैटरी क्षेत्र में नागपुर ‘शहंशाह’ बनने की ओर अग्रसर हो रहा है। महज इन 2 सेक्टरों में ही नागपुर में लगभग 1.58 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इस बार सकारात्मकता यह है कि केवल प्रस्ताव ही नहीं मिले हैं, बल्कि कंपनियां जमीन लेने को इच्छुक भी हैं और दल का दौरा अतिरिक्त बूटीबोरी में होने लगा है और कंपनियां जमीन लेने भी लगी हैं।
पिछले कई दशकों से विदर्भ के लोग ‘मदर’ कंपनी की बात करते आ रहे हैं। हमेशा चर्चा होती रही है कि नागपुर और विदर्भ में मदर यूनिट ही नहीं आती हैं। लेकिन इस बार स्थिति बिल्कुल उल्टा है। इस बार हजारों करोड़ वाली कंपनियां ही आ रही हैं और मध्यम और छोटे उद्योग कहीं नहीं हैं।
बड़े मेगा प्रोजेक्ट आने से नागपुर सहित विदर्भ में बड़े पैमाने पर सहायक उद्योग आने की कल्पना भी की जा सकती है। इन बड़े उद्योगों का न्यूनतम निवेश प्रस्ताव ही 8,000-9,000 करोड़ रुपये का है। टॉप 5 कंपनियों का निवेश इससे कहीं अधिक है।
निवेश के आंकड़ों को देखकर निश्चित रूप से सभी खुश हैं। इन निवेशक प्रस्ताव को हकीकत में बदलना होगा। प्रस्ताव के जमीन पर उतरते ही देवाभाऊ विदर्भ और नागपुर के लिए ‘सुपर हीरो’ बन जाएंगे। लोगों के दिलों में उनके लिए ‘प्यार’ और ‘विश्वास’ और बढ़ जाएगा। उनका कद इतना ऊंचा होगा कि आने वाले कई वर्षों तक इसकी खनक सुनाई देगी। लोग पुराने अनुभवों को भूलकर, नए सिरे से मंथन करेंगे और यहां के युवाओं को दूसरे राज्यों या जिलों में जाने की जरूरत महसूस नहीं होगी।
वर्धान: वर्धान लिथियम रिफाइनरी प्लांट लगाने जा रही है। इस प्लांट पर कंपनी 42,532 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस निवेश से देश महत्वपूर्ण ऊर्जा संसाधनों में आत्मनिर्भरता बनेगा और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को मजबूत करेगा। रिफाइनिंग क्षमता 60,000 टन लिथियम की वार्षिक होगी। 20 जीडब्ल्यूएच बैटरियों का उत्पादन होगा। भारत के वाहनों, घरों और उद्योगों को ऊर्जा प्रदान करेगा।
JSW एनर्जी PSP XI लिमिटेड विशाल लिथियम बैटरी विनिर्माण परियोजना की स्थापना करेगी। इस प्रोजेक्ट में 25,000 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। लगभग 5,000 लोगों को रोजगार मिलेगी। संभव है इस लिथियम प्रोजेक्ट के आने से कई सहायक उद्योग का आना भी संभव होगा। कंपनी के चेयरमैन सज्जन जिंदल नागपुर दौरा के दौरान इस प्रोजेक्ट को काफी अहम बताया था और इसे लेकर अपनी गंभीरता भी दर्शाई थी। अब यह प्रोजेक्ट निश्चित रूप से हकीकत बनने जा रहा है।
अवाडा समूह बूटीबोरी में लगभग 13,000 करोड़ का निवेश करने जा रहा है। कंपनी ने फैक्टरी बनाने का काम जोर शोर से शुरू भी कर दिया है। बूटीबोरी में कंपनी ने 74 हेक्टेयर जमीन ली है। मार्च तक उत्पादन में जाना है और उसकी तैयारी भी दिखाई दे रही है। कंपनी 3 चरणों में इस प्रोजेक्ट को पूर्ण करेगी। मार्च 2025 पहले चरण का लक्ष्य रखा गया है। अवाडा इलेक्ट्रो कंपनी की सौर पीवी मॉड्यूल और इलेक्ट्रोलाइज़र की एकीकृत परियोजना होगी। इसमें 13,647 करोड़ का निवेश होगा। 8,000 को रोजगार मिलने की संभावना जताई जा रही है।
वारी एनर्जी भी ग्रीन एनर्जी और सोलर उपकरण में एक जाना माना नाम है। कंपनी ने नागपुर में 30,000 करोड़ रुपये निवेश का एमओयू किया है। यह प्लांट भी अतिरिक्त बूटीबोरी में आ रही है। कंपनी ने 500 एकड़ जमीन की मांग की है, लेकिन उद्योग विभाग अभी 150 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का आफर लेटर दिया है। कंपनी के प्रतिनिधि दौरा कर चुके हैं।
एमएसएन होल्डिंग्ज लि. ने भी बूटीबोरी में निवेश के लिए दावोस में करार किया है। कंपनी 14,652 करोड़ रुपये निवेश को इच्छुक है। कंपनी सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश करने जा रही है। इन निवेश से कम से कम 8700 से अधिक रोजगार सृजित होंगे।
हजेरो इंडस्ट्रीज भी नागपुर बूटीबोरी में हरित ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश करने के लिए करार कर चुकी है। कंपनी दो प्रकल्प पर 16,000 करोड़ निवेश करेगी। इससे लगभग 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
पावर लिंक के प्रतिनिधि भी नागपुर का दौरा कर चुके हैं। कंपनी 8,000-9,000 करोड़ रुपये का निवेश करने को इच्छुक है। कंपनी अतिरिक्त बूटीबोरी में जगह की मांग कर रही है। कंपनी को आफर लेटर दिया जाना बाकी है। लेकिन कंपनी के अधिकारी 500 एकड़ जमीन की मांग कर रहे हैं।
बासु इंडस्ट्रीज ने दावोस में करार तो नहीं किया है, लेकिन कंपनी के प्रतिनिधि कई बार जमीन देखने आ चुके हैं। कंपनी सोलर और लिथियम क्षेत्र में कार्यरत है और कंपनी की योजना 8000 करोड़ निवेश करने की है। कंपनी को भी कम से कम 500 एकड़ जमीन की जरूरत है।
| कंपनी | निवेश |
|---|---|
| अवाडा | 13,000 करोड़ |
| जेएसडब्ल्यू | 25,000 करोड़ |
| वर्धान | 42,532 करोड़ |
| वारी एनर्जी | 30,000 करोड़ |
| एमएसएन होल्डिंग्ज लि. | 14,652 करोड़ |
| हजेरो इंडस्ट्रीज | 16,000 करोड़ |
| पावर लिंक | 8,000-9,000 करोड़ |
| बासु इंडस्ट्रीज | 8000 करोड़ |
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| कंपनी | निवेश |
|---|---|
| सिएट | 500 करोड़ |
| इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव | 12,780 करोड़ |






