
बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur Illegal Parking News: बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने 2 जनहित याचिकाओं में समय-समय पर दिए गए आदेश का पालन न करने के मामले में 6 वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्टीकरण जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कोर्ट की अवमानना अधिनियम, 1971 के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए, इसका जवाब दायर करने का आदेश देने का संकेत भी दिया।
धंतोली नागरिक मंडल द्वारा नागपुर के धंतोली में अस्पतालों की इमारत में पार्किंग के दुरुपयोग और अवैध पार्किंग के कारण स्थानीय लोगों को होने वाली परेशानी को लेकर जनहित याचिका दायर की गई।
हाई कोर्ट ने कहा कि इन परिस्थितियों को देखते हुए यह आवश्यक है कि इन अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाए कि कर्तव्य निभाने में विफलता के लिए उनके खिलाफ शोकॉज नोटिस क्यों न जारी किया जाए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि विभिन्न आदेशों की अवहेलना करने के लिए उन पर कोर्ट की अवमानना अधिनियम, 1971 के तहत दोषी क्यों न ठहराया जाए।
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि अवैध पार्किंग और विभिन्न अस्पतालों द्वारा पार्किंग के अलावा अन्य उद्देश्य से अवैध उपयोग को रोकने के संबंध में दिए गए आदेशों का बार-बार उल्लंघन किया गया है। आदेशों का पालन सुनिश्चित न करने पर याचिकाकर्ताओं ने 21 नवंबर 2025 को एक ‘पर्सीस’ दायर करके उन अधिकारियों के नाम प्रस्तुत किए जिन्हें वे इन आदेशों का पालन न करने के लिए जिम्मेदार मानते हैं।
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अधिकारियों को 3 सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि यदि कोई अधिकारी स्पष्टीकरण दाखिल करने में विफल रहता है तो यह मान लिया जाएगा कि उसके पास अपने बचाव में कहने के लिए कुछ नहीं है।
इसके अतिरिक्त कोर्ट ने पुलिस आयुक्त और मनपा आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे याचिकाकर्ताओं को एक वाट्सएप नंबर या ई-मेल पता उपलब्ध कराएं। यह सुविधा 25 नवंबर 2025 को या उससे पहले प्रदान की जानी चाहिए, ताकि निष्क्रियता दर्शाने वाली नई तस्वीरों को निरंतर भेजने का विकल्प उपलब्ध रहे।






