बेसा-बेलतरोडी फ्लैटधारकों की अटकीं सांसें (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: बेसा-बेलतरोडी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में कई फ्लैट स्कीम नियमों को ताक पर रखकर निर्मित होने के कारण नागपुर सुधार प्रन्यास (NIT) द्वारा अनधिकृत निर्माणों को गिराने के लिए महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन अधिनियम, 1966 (MRTP अधिनियम) की धारा 53(1) के तहत कई बिल्डर्स और डेवलपर्स को नोटिस जारी किए गए।
इन्हीं नोटिस को चुनौती देते हुए नागपुर ग्रामीण बिल्डर्स एसोसिएशन और अन्य बिल्डरों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका पर लगभग 25 वर्षों में हुई सुनवाई के बाद अब सुनवाई खत्म कर हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। इससे अब इन बिल्डरों और डेवलपर्स द्वारा निर्मित फ्लैट स्कीम में रहने वाले फ्लैटधारकों की सांसें अटकी हुईं हैं।
याचिकाकर्ताओं की पैरवी कर रहे वकील का मानना था कि NIT को पहली बार 31 अगस्त 2010 से संबंधित क्षेत्र के लिए विशेष नियोजन प्राधिकरण बनाया गया। इससे पहले ग्राम पंचायत नियोजन प्राधिकरण थी। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि ये निर्माण तत्कालीन नियोजन प्राधिकरण, ग्राम पंचायत से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के बाद किए गए थे। चूंकि NIT 31 अगस्त 2010 से नियोजन प्राधिकरण बना है, इसलिए उसके पास पिछले नियोजन प्राधिकरण द्वारा किए गए कार्यों को रद्द करने का अधिकार नहीं है।
यह भी न्यायालय के संज्ञान में लाया गया कि जनहित याचिका संख्या 5468/2009 में यह शिकायत की गई थी कि बड़े पैमाने पर निर्माण और भूखंडों की बिक्री अनियंत्रित तरीके से की जा रही है। MRTP अधिनियम के तहत आवश्यक अनुमति के बिना निर्माण किए जा रहे थे। इस रिट याचिका में शामिल निर्माण भी इसी जनहित याचिका का हिस्सा है।
इस संबंध में हाई कोर्ट ने 27 जनवरी 2011 को एक आदेश पारित किया था जिसमें जिलाधिकारी को बेसा, बेलतरोड़ी क्षेत्र में सभी भवनों/निर्माणों का सर्वेक्षण करने और यह जांचने का निर्देश दिया गया था कि क्या प्रत्येक निर्माण सक्षम प्राधिकारी से उचित अनुमति के तहत किया गया था और यदि ऐसी अनुमति नहीं पाई जाती है तो निर्माण को तुरंत रोकने के आदेश दिए गए थे। प्रन्यास की पैरवी कर रहे वकील का मानना था कि वास्तव में प्रन्यास 31 अगस्त 2010 से संबंधित क्षेत्र के लिए नियोजन प्राधिकरण है। लेकिन धारा 53(1) के तहत जारी नोटिस केवल उन निर्माणों के संबंध में हैं जो अनधिकृत हैं और जिन्हें गिराया जाना आवश्यक है।
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