घुग्घुस रेलवे गेट पर महिला बच्चों का गड्डों में 3 घंटे आंदोलन (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Chandrapur News: घुग्घुस रेलवे गेट G-39 पर घंटों बंदी से परेशान नागरिक सड़क पर उतरे। कोयला रेलवे परिवहन से लगातार दिक्कतें बढ़ रही। शनिवार दोपहर 12 से 3 बजे तक घुग्घुस की स्थानीय महिलाएं नन्हें बच्चों के साथ सड़क पर उतरीं और पानी से भरे गड्ढों में बैठकर रेलवे व वेकोलि प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। जिसके बाद प्रशासन ने 26–28 अगस्त से ब्रिज कार्य शुरू करने का वादा किया। घटनास्थल पर माहौल गरमाया हुआ था।
माहौल तब तनावपूर्ण हो गया जब रेलवे अधिकारी और RPF कर्मियों के साथ प्रदर्शनकारियों की तीखी बहस छिड़ गई। हालात बिगड़ने से पहले ही घुग्घुस पुलिस और दंगा नियंत्रण दल मौके पर पहुंच गया। गुस्से का आलम यह था कि आंदोलनकारियों ने भाजपा चंद्रपुर शहर अध्यक्ष की एम्बुलेंस को भी गेट पार होने से रोक दिया।
घुग्घुस क्षेत्र की वेकोलि कोयला खदानों से रोजाना हजारों टन कोयला देश-राज्य के बिजली घरों तक भेजने के लिए रेलवे का इस्तेमाल होता है। राजीव रतन चौक के पास स्थित G-39 रेलवे गेट इस परिवहन का मुख्य मार्ग है, जहां दिन-रात मालगाड़ियों की आवाजाही रहती है। कोयले की ओवरलोड गाड़ियां बार-बार आगे-पीछे की जाती हैं, जिससे गेट लंबे समय तक बंद रहता है। इससे स्कूली बच्चे, राहगीर और वाहन चालक घंटों फंसे रहते है। वर्षों से यह गेट कई जानलेवा हादसों का गवाह बन चुका है।
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घटना के दौरान RPF अधीक्षक बलवीर सिंह, बल्लारशाह के इंजीनियर सुभोद कुमार, महारेल के DGM पी. श्रीकांत और घुग्घुस थानेदार प्रकाश राउत ने मौके पर पहुंचकर आंदोलनकारियों से बातचीत की। आंदोलन का नेतृत्व कर रही माला मेश्राम और अन्य नागरिकों को प्रशासन ने लिखित आश्वासन दिया कि 26–28 अगस्त के बीच रेलवे फ्लाईओवर ब्रिज का कार्य शुरू होगा और मानसून के बाद ब्रिज के नीचे की सर्विस रोड भी पूरी की जाएगी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा वादा पहले भी कई बार किया गया, लेकिन आज तक कार्य शुरू नहीं हुआ। इस बार यदि तय समयसीमा में निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ, तो आंदोलन और भी बड़े पैमाने पर किया जाएगा।