पेड़ों की कटाई (सौजन्य-सोशल मीडिया)
High Court: नागपुर शहर में विकास कार्यों की आड़ में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को लेकर प्रीति पटेल एवं अन्य की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है। मानकापुर समेत कई इलाकों में बिना उचित प्रक्रिया के वृक्षों की कटाई होने के कारण पर्यावरण को गंभीर खतरा पैदा होने का मसला भी कोर्ट में उठाया गया। याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कुछ मुद्दों को लेकर अर्जी दायर की गई।
इसमें पेड़ कटाई के लिए दी गई मंजूरी की जानकारी उजागर करने और इसी तरह से जिस क्षेत्र के लिए पेड़ कटाई की मंजूरी प्रदान की जाती है उस क्षेत्र में आने वाले अन्य पेड़ों की गणना कर जानकारी वेबसाइट पर उजागर करने के आदेश मनपा को देने का अनुरोध किया गया। सोमवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान मनपा की ओर से से पैरवी कर रहे अधिवक्ता जैमीनी कासट ने कहा कि पेड़ कटाई की मंजूरी देने के बाद इसकी जानकारी मनपा की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी।
इस संदर्भ में हलफनामा भी दायर करने का आश्वासन कोर्ट को दिया गया। सुनवाई के बाद न्यायाधीश अनिल किल्लोर और न्यायाधीश रजनीश व्यास ने मनपा द्वारा दायर होने वाले हलफनामा का अध्ययन कर अपना पक्ष अगली सुनवाई को रखने के निर्देश याचिकाकर्ता को दिए।
अदालत को बताया गया कि पहले भी जिलाधिकारी कार्यालय के अंतर्गत हुई पेड़ों की कटाई में अनुमति से अधिक पेड़ काटे गए थे। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि प्रशासनिक लापरवाही के चलते पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ रहा है। ऐसे में पुनर्वनीकरण तत्काल शुरू करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियम लागू करने का आदेश देने का अनुरोध भी किया गया।
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सुनवाई के दौरान मनपा की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्त कासट ने कहा कि संभवत: 188 वर्ष पुराना पेड़ गोरेवाडा में रोपित किया जा सकता है किंतु इस संदर्भ में मुहर लगनी बाकी है। इसके बाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा जताई गईं आपत्तियों के साथ शपथपत्र दायर करने के आदेश दिए।