वेव्स कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, एल मुरूगन व अन्य (सोर्स: एक्स@Murugan_MoS)
मुंबई: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वैश्विक कंपनियां देश के युवाओं की रचनात्मक ऊर्जा का निर्माण करने के लिए नव घोषित भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान (IICT) के साथ काम करने की इच्छुक हैं। मुंबई में आयोजित वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (WAVES) में आज भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ सात प्रमुख कंपनियों- जियोस्टार, गूगल, एडोब, मेटा, एप्पल, एनवीडिया और माइक्रोसॉफ्ट ने आशय पत्रों के आदान-प्रदान किया।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन और सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू की उपस्थिति में इन आशय पत्रों का आदान-प्रदान किया गया। मंत्री वैष्णव ने कहा कि संस्थान एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी (एवीजीसी-एक्सआर) क्षेत्र के लिए एक राष्ट्रीय केंद्र बनने के लिए तैयार है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले से ही सात कंपनियां (एनवीडिया, गूगल, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा, स्टार इंडिया और एडोब) आईआईसीटी के साथ सहयोग कर रही हैं। आईआईसीटी हमारे युवा निर्माताओं को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए उद्योग के साथ मिलकर काम करेगी।
अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया कि आईआईसीटी के साथ सहयोग के लिए विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) के साथ भी चर्चा चल रही है। शुक्रवार को वेव्स के दौरान उन्होंने डब्ल्यूआईपीओ के महानिदेशक डैरेन टैंग के साथ बैठक की।
आईआईसीटी की स्थापना सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा व्यापार निकाय फिक्की और उद्योग निकाय सीआईआई के साथ रणनीतिक सहयोग से प्रतिष्ठित आईआईटी और आईआईएम की तर्ज पर एक राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र के रूप में की जा रही है।
वैष्णव ने कहा कि भारत में मीडिया और मनोरंजन की दुनिया में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाने की क्षमता है। यह संस्थान उस दिशा में पहला कदम है और हमें इस पर काम करना है। मंत्री ने कहा कि आईआईसीटी के साथ काम करने के लिए वैश्विक कंपनियां इच्छुक हैं।
WAVES 2025 में शनिवार को मोशन पिक्चर्स एसोसिएशन रिपोर्ट लॉन्च हुआ। इसमें मंत्री एल. मुरुगन शामिल हुए। रिपोर्ट ‘भारत में फिल्म, टेलीविजन और ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट इंडस्ट्री का आर्थिक प्रभाव, 2024’ भारत के फलते-फूलते फिल्म उद्योग पर प्रकाश डालती है, जो सालाना 2000 से अधिक फिल्मों के साथ दुनिया भर में सबसे बड़ा है, जो विविध कहानियों के माध्यम से वैश्विक सिनेमा को प्रभावित करता है।
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भारत की सिनेमाई परंपरा, समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और रचनात्मकता ने वैश्विक मान्यता अर्जित की है, जिसने अर्थव्यवस्था में ₹2.77 लाख करोड़ का योगदान दिया है और 26 लाख नौकरियों का समर्थन किया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)