स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (pic credit; social media)
Swami Avimukteshwarananad: ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का 60 दिवसीय चातुर्मास साधना का महामहोत्सव शनिवार को धूमधाम से संपन्न हुआ। अनुष्ठानों की पूर्णाहुति पर श्रद्धालुओं का सागर उमड़ पड़ा और वातावरण ‘हर हर महादेव’ और ‘जय गौ माता’ के उद्घोष से गूंज उठा।
इस मौके पर राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे स्वयं उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने के महाराज के संकल्प में वे पूरी तरह साथ देंगे। महाराज की विदाई के समय शिंदे भी श्रद्धालुओं के साथ भावुक हो उठे। मागाठाणे के विधायक प्रकाश सुर्वे भी इस अवसर पर मौजूद थे।
समापन से पूर्व स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पत्रकारों से मराठी में संवाद कर सबको चौंका दिया। उन्होंने कहा कि भाषा सीखना स्वेच्छा का विषय है, इसे किसी पर थोपना उचित नहीं। जबरदस्ती करने वाले लोग भाषा का सम्मान नहीं बल्कि राजनीति चमकाते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी भाषा ‘थप्पड़ की भाषा’ नहीं बननी चाहिए।
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महाराज ने कहा कि महाराष्ट्र में गौमाता को पहले ही ‘राजमाता’ का दर्जा मिला है, अब वे पूरे देश में गौमाता को ‘राष्ट्रमाता’ घोषित कराने तक संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने घोषणा की कि वे बिहार चुनाव में जाकर जनता से अपील करेंगे कि वही नेताओं को वोट दें जो गौमाता की सुरक्षा का वादा करेंगे।
60 दिनों तक चले चातुर्मास में गौ प्रतिष्ठा महायज्ञ का आयोजन हुआ जिसमें कुल चार करोड़ 21 लाख से अधिक आहुतियां डाली गईं। अनुमान है कि करीब डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने यज्ञ भगवान के दर्शन और परिक्रमा का लाभ उठाया। वहीं सवा दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रसाद स्वरूप भोजन ग्रहण किया।
चातुर्मास्य समापन पर लाखों भक्तों ने शंकराचार्य का साक्षात दर्शन किया और आशीर्वाद लिया। अनंत चतुर्दशी के दिन विशेष पूजा-अर्चना के साथ आयोजन अपने चरम पर पहुंचा।
शंकराचार्य के इस 60 दिवसीय साधना महोत्सव ने न केवल मुंबई बल्कि पूरे देशभर से आए श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति की गहरी अनुभूति कराई।