सीएम को लाडकी बहनों का खत (सौजन्य-सोशल मीडिया, कंसेप्ट फोटो)
Maharashtra News: राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण’ (लाडली बहन) योजना की जुलाई महीने की किस्त रक्षाबंधन के अवसर पर लाभार्थी महिलाओं के खातों में जमा कराने निर्णय लिया था। उक्त निर्णय के अनुरूप योजना के 1500 रुपए लाडली बहनों के खातों में जमा होने शुरू हो गए हैं।
लेकिन सतारा की कुछ लाडली बहनों ने रक्षाबंधन के मौके पर 1500 रुपए की बजाय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से एक अलग मांग की है। उन्होंने अवैध खानों को बंद कराने की अपनी मांग खून से लिए पत्र के जरिए सीएम देवेंद्र के समक्ष रखी है। वाई की प्यारी बहनों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को खून से एक पत्र लिखा है। पत्र में बहनों ने सतारा जिले में पिछले कई वर्षों से अवैध रूप से चल रही पत्थर तोड़ने वाली खदानों के कारण वाई जिले की हवाओं में बढ़ रही धूल और प्रदूषण का मुद्दा उठाया है।
खानों के कारण प्रदूषित हो रही हवा स्थानीय लोगों का स्वास्थ्य खराब कर रही है। लोगों में सांस लेने, त्वचा एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधित विकार बढ़ रहे हैं। खनन के कारण आस-पास के जलाशयों में गाद जमने या रासायनिक प्रदूषण होने की आशंका बढ़ गई है। स्थानीय लोगों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है और क्रशर लाइसेंस रद्द करने की मांग की है।
बार-बार विरोध प्रदर्शन के बावजूद इस समस्या का समाधान न होने पर। प्यारी बहनों ने मांग की है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से पत्थर तोड़ने वाली खदानों को बंद करने का अनुरोध किया है।
बताया जा रहा है मुख्यमंत्री को खून से पत्र लिखने के अलावा पिछले 22 दिनों से वाई से मुंबई मंत्रालय तक एक लंबा मार्च निकाला जा रहा है। यह लंबा मार्च वाई तालुका में अवैध रूप से चल रहे पत्थर खदान क्रशर को बंद करने की मांग को लेकर निकाला गया है।
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इसी पृष्ठभूमि में लाडली बहनों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाम अपने खून से पत्र लिखकर रक्षाबंधन पर अवैध क्रशर को बंद करने की मांग की है। वाई की महिलाओं ने भावुक अपील करते हुए लिखा है कि हमें रक्षाबंधन पर 1500 रुपये का नेग न दें, बल्कि क्रशर को बंद कराकर, हमें न्याय दें।