नवाब मलिक,समीर वानखेड़े की बहन यास्मीन (pic credit; social media)
Nawab Malik defamation case: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े की बहन यास्मीन वानखेड़े ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ अपनी मानहानि शिकायत की निष्पक्ष जांच न होने का आरोप लगाते हुए अदालत में याचिका दाखिल की है। यास्मीन का दावा है कि पुलिस की जांच प्रक्रिया मलिक के प्रभाव और दिशा-निर्देश के तहत प्रभावित रही और यह उचित रूप से निष्पक्ष नहीं थी।
यास्मीन ने वर्ष 2021 में यह शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उनका आरोप था कि नवाब मलिक ने विभिन्न ट्वीट और टीवी साक्षात्कारों में उनके खिलाफ झूठे, मानहानिकारक और निंदनीय बयान दिए। यास्मीन ने बताया कि उनके खिलाफ यह बयान उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए दिए गए थे।
बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत ने शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 202 के तहत पुलिस को जांच करने और रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। हालांकि, पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में नवाब मलिक को क्लीन चिट दी। पुलिस ने कहा कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ कोई संज्ञेय या असंज्ञेय अपराध का सबूत नहीं मिला।
पुलिस रिपोर्ट में नवाब मलिक ने दावा किया कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट और संवाददाता सम्मेलनों में दिए गए बयान एक राजनीतिक पार्टी के प्रवक्ता के रूप में उनके दायित्व का हिस्सा थे और यास्मीन वानखेड़े के प्रति उनकी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी।
इस क्लीन चिट के खिलाफ यास्मीन ने अपने वकील अली कासिफ खान के माध्यम से अदालत में याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस अधिकारी मामले की निष्पक्ष जांच में विफल रहे और रिपोर्ट आरोपी व्यक्ति के पक्ष में पक्षपातपूर्ण रूप से तैयार की गई। याचिका में यह भी कहा गया है कि इस तरह की रिपोर्ट कानून के प्रावधानों के खिलाफ है। मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी। यास्मीन व उनके वकील ने अदालत से मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की अपील की है।