बीएमसी आयुक्त गगरानी (pic credit; social media)
BMC News: मुंबईकरों की सुरक्षा को और पुख्ता बनाने के लिए बीएमसी ने आपदा प्रबंधन को सशक्त करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी ने कहा कि आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए वैश्विक स्तर की नीतियां, अनुसंधान और अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि केवल वर्तमान व्यवस्थाओं से संतुष्ट होने के बजाय समय रहते ठोस उपाय करना ही संभावित आपदाओं से बचाव का सही तरीका है।
बीएमसी ने संयुक्त राष्ट्र आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यालय (UNDRR) के सहयोग से 8 से 10 सितंबर 2025 तक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया है। इस कार्यशाला में दुनिया भर से आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ और विद्वान शामिल होंगे। उद्घाटन समारोह में गगरानी ने कहा कि बीएमसी के पास आपातकालीन स्थितियों से निपटने का लंबा अनुभव है। मुंबई ने बाढ़, आगजनी, इमारत हादसे और अन्य आपदाओं का सामना किया है, लेकिन हर बार मुंबईकरों ने साहस और एकजुटता से मुश्किलों को मात दी है।
गगरानी ने कहा कि संकट के समय में भी मुंबई में चोरी, लूटपाट या हिंसा जैसी घटनाएं लगभग नहीं होतीं। बल्कि मुंबईकर एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आते हैं। यही शहर की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि आपदा प्रबंधन को आधुनिक सुविधाओं से और मजबूत बनाया जाए।
आयुक्त ने बताया कि आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए नदी पुनरुद्धार योजना, ब्रिमस्टोवाड प्रोजेक्ट, सीवेज उपचार संयंत्र जैसी कई महत्वाकांक्षी बुनियादी सुविधाओं पर जोर दिया जा रहा है। इन परियोजनाओं के जरिए बाढ़ और जलजमाव की समस्या पर काबू पाने में मदद मिलेगी।
गगरानी ने कहा कि मुंबई को सुरक्षित बनाने के लिए दुनियाभर में लागू किए गए शोध, नीतियों और आधुनिक समाधानों को अपनाया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि बीएमसी हर चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार है। इस मौके पर अतिरिक्त आयुक्त डॉ. अमित सैनी, अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बंगर, जिलाधिकारी ओवल सूद गोयल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की पहल से न केवल आपदा प्रबंधन तंत्र मजबूत होगा बल्कि मुंबई को एक वैश्विक सुरक्षित शहर बनाने की दिशा में भी ठोस कदम साबित होगा।