आजाद मैदान में सफाई (pic credit; social media)
Maharashtra News: मराठा आरक्षण आंदोलन के पांच दिनों तक चले धरने के बाद मुंबई का आजाद मैदान और आसपास का इलाका कचरे के ढेर में तब्दील हो गया था। लेकिन मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने चौबीसों घंटे चलाए गए सफाई अभियान के जरिए मैदान को फिर से चकाचक कर दिया। इस दौरान करीब 150 टन से अधिक ठोस कचरा इकट्ठा कर उसका निपटान किया गया।
बीएमसी अधिकारियों के मुताबिक, इस विशेष सफाई अभियान में 1,500 से ज्यादा सफाई कर्मचारी दिन-रात जुटे रहे। आंदोलन के दौरान धरना स्थल पर हजारों लोगों की मौजूदगी रही। फुटपाथों और सड़कों पर प्रदर्शनकारी खाना पकाते, खाते, सोते और यहां तक कि नहाते भी देखे गए। इन गतिविधियों के कारण इलाके में भारी मात्रा में गंदगी जमा हो गई थी।
धरना स्थल और आसपास जगह-जगह खाने-पीने की चीजें, पानी की बोतलें, डिस्पोजेबल प्लेट और कप, प्लास्टिक रैपर और अन्य कचरे के ढेर दिखाई दे रहे थे। इससे न केवल मैदान की साफ-सफाई प्रभावित हुई बल्कि इलाके में दुर्गंध और गंदगी भी फैलने लगी।
आंदोलन के दौरान प्रतिदिन कचरे की मात्रा बढ़ती गई। बीएमसी द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, पहले दिन लगभग 4 मीट्रिक टन ठोस कचरा एकत्र किया गया। अगले दिन यह बढ़कर 7 मीट्रिक टन हो गया। 31 अगस्त और 1 सितंबर को सबसे अधिक 30-30 टन कचरा इकट्ठा किया गया। पांच दिनों के अंत तक कुल मिलाकर 150 टन से ज्यादा कचरा मैदान और आसपास से साफ किया गया।
बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि सफाई अभियान को इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की तैनाती और लगातार निगरानी के कारण ही समय पर पूरा किया जा सका। अभियान के बाद अब आजाद मैदान और उसका आसपास का क्षेत्र पहले जैसा स्वच्छ और व्यवस्थित नजर आ रहा है।
इस बड़े पैमाने की सफाई मुहिम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि मुंबई जैसे महानगर में भी यदि समन्वय और तत्परता दिखाई जाए तो किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।
मराठा आंदोलन के पांच दिनों तक चले धरने के बाद आजाद मैदान और आसपास के इलाके से बीएमसी ने 150 टन से अधिक कचरा इकट्ठा कर उसका निपटान किया। इस सफाई अभियान में 1,500 से अधिक कर्मचारी तैनात किए गए थे