मुंबई कोस्टल रोड (pic credit; social media)
Mumbai Coastal Road: लंबे इंतजार के बाद मुंबई कोस्टल रोड परियोजना पूरी तरह जनता के लिए खोल दी गई है। लेकिन अब इस हाई-प्रोफाइल परियोजना के रखरखाव, मरम्मत और सफाई पर मुंबई महानगरपालिका (BMC) को हर महीने करीब 1.5 करोड़ रुपये का खर्च उठाना पड़ेगा। यानी सालाना करीब 18 करोड़ रुपये का सीधा बोझ मनपा की तिजोरी पर पड़ेगा।
बीएमसी से मिली जानकारी के मुताबिक कोस्टल रोड के सुचारू संचालन और मेंटेनेंस के लिए एक अलग तंत्र तैयार किया गया है। अगले पांच सालों में इस पर करीब 90 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। हालांकि, यह लागत आने वाले वर्षों में और बढ़ सकती है।
फिलहाल अगले पांच साल के रखरखाव और मरम्मत कार्य के लिए ‘टैब टर्बो इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड’ को 88.43 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया है। इस अवधि में सड़क, टनल, उपकरणों और अन्य सभी जरूरी प्रणालियों का नियमित निरीक्षण, मरम्मत और संचालन इसी कंपनी के जिम्मे होगा।
रखरखाव के लिए तय की गई जिम्मेदारियों में उत्तरी और दक्षिणी किनारों की सफाई, कंट्रोल सेंटर और शौचालयों की सफाई, दोनों टनल की दीवारों की सफाई, सड़क चिह्नों का नवीनीकरण, ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम, एंबुलेंस और टोइंग टीम की व्यवस्था शामिल है।
इसके अलावा सीसीटीवी नेटवर्क, लाइटिंग सिस्टम, जल निकासी व्यवस्था, इंटरनेट, उपकरणों के स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति, आपातकालीन संचार प्रणाली, कीटनाशक छिड़काव और बाहरी हिस्सों की सफाई भी इसी अनुबंध में शामिल हैं।
कोस्टल रोड को साउथ प्रिंसेस स्ट्रीट फ्लाईओवर से लेकर बांद्रा-वर्ली सी लिंक तक तीन हिस्सों में बांटा गया है। इन सभी हिस्सों का अलग-अलग रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी दी गई है। ठेकेदार कंपनी को छोटे-बड़े सभी तकनीकी काम करने होंगे जिनमें यांत्रिक, विद्युत, इंस्ट्रूमेंटेशन और उपकरणों का परीक्षण शामिल है।
अभी शुरुआती पांच सालों तक उपकरण और प्रणालियां वारंटी में होंगी, लेकिन इस अवधि के बाद लागत और बढ़ने की आशंका है। बीएमसी पहले ही वित्तीय दबाव से जूझ रही है और ऐसे में हर साल 18 करोड़ का नया बोझ उसके बजट पर असर डालेगा। मुंबईकरों के लिए भले ही कोस्टल रोड ने सफर को तेज और आसान बना दिया हो, लेकिन बीएमसी की जेब पर इसका भारी असर अब लगातार महसूस किया जाएगा।