
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Mumbai News: मुंबई में साइबर अपराध के मामले में बुजुर्ग दंपत्ति को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 58 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने छह और आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
महाराष्ट्र साइबर सेल की जांच में खुलासा हुआ है कि ठगों ने पीड़ित दंपत्ति को सरकारी अधिकारी बनकर धमकाया और उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर उनकी पूरी जमा पूंजी इंडोनेशिया स्थित एक बैंक खाते में ट्रांसफर कराई।
जांच में सामने आया है कि यह वही विदेशी खाता है जिसके माध्यम से पिछले 14 महीनों में 513 करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन किया गया है। इस खाते में मनी लॉन्ड्रिंग और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए रकम विदेश भेजी गई।
महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने इस मामले में छह और आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद गिरफ्तारियों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। गिरफ्तार आरोपियों में मुंबई, राजस्थान और मैसूर के लोग शामिल हैं।
मुख्य आरोपी प्रभादेवी निवासी मुकेश भाटिया (66) ने पूछताछ में बताया कि उसने टेक्नोमिस्ट सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड नाम से इंडोनेशिया में बैंक खाता खोला था, जिसमें ठगी की रकम जमा की गई।
पुलिस के अनुसार, यह नेटवर्क सनी लोढा (32) और उसके सहयोगियों के निर्देश पर काम करता था। एक अन्य आरोपी ने कबूल किया कि ठगी की रकम को एजेंटों और विभिन्न बैंक खातों के जरिए विदेश भेजा गया तथा उसमें क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल भी किया गया।
महाराष्ट्र साइबर सेल का कहना है कि पूछताछ में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले साइबर नेटवर्क के कई और लिंक सामने आ रहे हैं। पुलिस अब विदेशी एजेंसियों की मदद से इंडोनेशिया के बैंक खाते और उसके ट्रांजैक्शन की गहराई से जांच कर रही है।
अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी ऑनलाइन जांच, कॉल या कानूनी नोटिस के नाम पर भयभीत न हों और ऐसे मामलों में तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।
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उन्होंने कहा कि इस मामले में जैसे-जैसे जांच हो रही है, कई मामले के खुलासे हो रहे हैं। आरोपी कई राज्यों में कई लोगों को “डिजिटल अरेस्ट” पर अपने बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कराया करते थे। -एजेंसी इनपुट के साथ






