मीरा-भाईंदर महानगरपालिका (pic credit; social media)
Mira-Bhayander Municipal Corporation Election: मीरा-भाईंदर, (सं.) आगामी मीरा-भाईंदर महानगरपालिका (एमबीएमसी) चुनाव से पहले बुधवार देर रात (3 सितंबर) को नई प्रभाग संरचना की अधिसूचना जारी की गई। सबसे बड़ा सरप्राइज़ यह रहा कि इस बार भी प्रभाग सीमाओं में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। यानी वर्ष 2017 के चुनाव में जो प्रभाग सीमाएं तय की गई थीं, वही सीमाएं जस की तस बरकरार रहेंगी। इस फैसले ने पूर्व नगरसेवकों को बड़ी राहत दी है, वहीं भाजपा को इस बार भी मजबूत स्थिति का फायदा मिलने की चर्चा तेज हो गई है।
राज्य चुनाव आयोग ने 2011 की जनगणना के आधार पर सदस्य संख्या 95 तय की है। अधिसूचना में साफ कहा गया है कि नई संरचना पूरी तरह 2017 जैसी ही रहेगी। आपत्तियां और सुझाव 15 सितंबर तक स्वीकार किए जाएंगे, लेकिन सीमाओं में कोई बदलाव न होने के कारण आपत्तियां दर्ज होने की संभावना बेहद कम मानी जा रही है।
मीरा-भाईंदर की अनुमानित जनसंख्या 8,09,378 है। इसमें से 23 वार्ड चार सदस्यीय होंगे, जिनकी औसतन जनसंख्या 34 हज़ार होगी। वहीं भाईंदर पश्चिम के उत्तन का एक प्रभाग तीन सदस्यीय होगा, जिसकी जनसंख्या लगभग 25,500 है। इस संरचना के तहत कम से कम 48 सीटें महिलाओं के लिए और 26 सीटें ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित रहेंगी।
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2017 जैसी प्रभाग सीमाओं के चलते अधिकांश पूर्व नगरसेवक चैन की सांस ले रहे हैं, लेकिन टिकट वितरण की जंग आसान नहीं होगी। भाजपा समेत प्रमुख दलों में नामांकन को लेकर जबरदस्त टक्कर देखने को मिलेगी। राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि कुछ पूर्व नगरसेवकों के टिकट इस बार कट सकते हैं।
बीजेपी को 2017 में इस संरचना का जबरदस्त लाभ मिला था। पार्टी ने 95 में से 61 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। यही कारण है कि राजनीतिक पर्यवेक्षक मान रहे हैं कि 2025 के चुनावों में भी भाजपा को इसका फायदा मिल सकता है। उधर, शिवसेना (शिंदे गुट) भी पीछे नहीं है। पार्टी भाईंदर पश्चिम में अपनी सीटें बढ़ाने के लिए कमर कस चुकी है और टिकट की दौड़ पहले से ही तेज हो गई है। कुल मिलाकर, मीरा-भाईंदर मनपा चुनाव का माहौल धीरे-धीरे गरमाने लगा है और पुराने प्रभागों में चुनावी समीकरण दोहराए जाने की पूरी संभावना बन रही है।