
ईरान के ऑयल नेटवर्क पर ट्रंप का बड़ा प्रहार, फोटो (सो. एआई डिजाइन)
Trump Administration Iran Sanctions: अमेरिका ने ईरान के गुप्त पेट्रोलियम शिपिंग नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 29 जहाजों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। ट्रंप प्रशासन की ओर से की गई इस कार्रवाई में भारत से जुड़ी कई शिपिंग कंपनियों और परिचालन इकाइयों के नाम भी सामने आए हैं। अमेरिकी वित्त विभाग (ट्रेजरी) का कहना है कि ये जहाज सैकड़ों मिलियन डॉलर मूल्य के ईरानी तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की अवैध ढुलाई में शामिल थे।
अमेरिकी ट्रेजरी के अनुसार, यह कदम ईरानी शासन की उन आय धाराओं को रोकने के लिए उठाया गया है, जिनका इस्तेमाल आतंकवाद, सैन्य गतिविधियों और अन्य अवैध कार्यों के लिए किया जाता है। ट्रेजरी के प्रिंसिपल डिप्टी स्पोक्सपर्सन टॉमी पिगॉट ने कहा कि अमेरिका ईरान के उस वित्तीय नेटवर्क को कमजोर करने के लिए प्रतिबद्ध है जो गुप्त तरीकों से पेट्रोलियम और उससे जुड़े उत्पादों का निर्यात करता है।
ट्रेजरी ने बताया कि प्रतिबंधित नेटवर्क में मिस्र के व्यवसायी हातेम एलसैद फरीद इब्राहिम सक्र से जुड़ी कंपनियां और जहाज शामिल हैं। इनकी गतिविधियां संयुक्त अरब अमीरात, भारत, मार्शल आइलैंड्स और पनामा जैसे देशों में फैली हुई थीं। जांच में पाया गया कि सक्र से जुड़ी कंपनियां 29 में से सात जहाजों के स्वामित्व या प्रबंधन से संबंधित थीं।
भारत से जुड़े जिन जहाजों के नाम सामने आए हैं उनमें बारबाडोस ध्वज वाला जहाज फ्लोरा डोल्से शामिल है। इस जहाज का स्वामित्व और प्रबंधन भारत स्थित रुकबाट मरीन सर्विसेज के पास बताया गया है। आरोप है कि इस जहाज ने अप्रैल 2025 से अब तक ईरानी फ्यूल ऑयल के लाखों बैरल की ढुलाई की।
इसी तरह पनामा ध्वज वाला जहाज ऑरोरा, जिसे भारत की गोल्डन गेट शिप मैनेजमेंट संचालित करती है पर ईरानी पेट्रोलियम उत्पादों नैफ्था और कंडेन्सेट सहित के लाखों बैरल के परिवहन का आरोप लगाया गया है। वहीं, एक अन्य जहाज राम्या, जिसे भारत की दर्या शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड संचालित और प्रबंधित करती है। उस पर सितंबर 2025 से अब तक एक लाख बैरल से अधिक ईरानी पेट्रोलियम उत्पादों की ढुलाई का आरोप है।
अमेरिकी ट्रेजरी के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) के अनुसार, ये सभी जहाज ईरान की तथाकथित शैडो फ्लीट का हिस्सा हैं। यह फ्लीट भ्रामक और धोखाधड़ीपूर्ण शिपिंग तरीकों जैसे जहाजों की पहचान छिपाना, फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल और ट्रैकिंग सिस्टम बंद रखना के जरिए ईरानी तेल का निर्यात करती है।
आतंकवाद और वित्तीय खुफिया मामलों के लिए ट्रेजरी के अंडर सेक्रेटरी जॉन के. हर्ली ने कहा कि अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने की अनुमति नहीं देगा और उसके सैन्य तथा हथियार कार्यक्रमों को मिलने वाले पेट्रोलियम राजस्व को रोकने के लिए कार्रवाई जारी रखेगा।
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ट्रेजरी के मुताबिक, ये प्रतिबंध कार्यकारी आदेश 13902 के तहत लगाए गए हैं। राष्ट्रपति ट्रंप के दोबारा पद संभालने के बाद से अब तक 180 से अधिक जहाजों पर प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं, जिससे ईरानी तेल निर्यात की लागत बढ़ी है और प्रति बैरल होने वाली आय में भारी कमी आई है।






