एकनाथ शिंदे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: औरंगजेब का स्तुति गान के आरोप में सपा विधायक अबू आसीम आजमी को विधानसभा से निलंबित किए जाने के बाद सियासत गरमा गई है। महाराष्ट्र सीएम के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी अबू आजमी पर हमला बोला है। एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कहा कि लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सपा विधायक अबू आज़मी को महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया है।
महाराष्ट्र के उपमुख्मंत्री एकनाथ शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, “महाराष्ट्र के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, उन्हें विधानसभा अध्यक्ष ने निलंबित कर दिया है।” साथ ही अबू आजमी को बड़ी चेतावनी भी दी।
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान करने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शेगा। यह तो बस पहला कदम है; उन्हें अभी संकेत दिया गया है कि अगर उन्होंने दोबारा ऐसा कुछ किया तो महाराष्ट्र उन्हें माफ नहीं करेगा।”
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मुगल बादशाह औरंगजेब पर टिप्पणी करने के कारण समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी को बुधवार को चल रहे बजट सत्र की पूरी अवधि के लिए निलंबित कर दिया। आज़मी की टिप्पणी के खिलाफ बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा में प्रस्ताव लाया गया।
संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सदन में कहा कि आजमी के आपत्तिजनक बयान से सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है, जिसके चलते इस सत्र के लिए उनकी सदस्यता निलंबित करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे स्पीकर ने पारित कर दिया। आजमी ने कथित तौर पर कहा था कि औरंगजेब “क्रूर प्रशासक” नहीं था और उसने “कई मंदिर बनवाए”।
उन्होंने कहा कि मुगल बादशाह और छत्रपति संभाजी महाराज के बीच लड़ाई राज्य प्रशासन के लिए थी, न कि हिंदू और मुस्लिम के लिए। मुगल बादशाह औरंगजेब पर अपनी टिप्पणी के कारण महाराष्ट्र के चल रहे बजट सत्र की पूरी अवधि के लिए निलंबित किए जाने पर अबू आजमी ने अपनी निराशा व्यक्त की।
अबू आजमी ने कहा, “सदन की कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए मैंने अपना बयान वापस लेने की बात कही थी। मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा। फिर भी, विवाद है और सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सदन की कार्यवाही चले और बजट सत्र के दौरान कुछ काम हो…मैंने बाहर दिया गया अपना बयान वापस ले लिया है।”
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इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने आजमी का समर्थन करने के लिए अखिलेश यादव की आलोचना करते हुए कहा, “अगर उन्हें आपत्ति करनी है तो करें।” उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “अगर उन्हें आपत्ति करनी है तो करें। पूरे महाराष्ट्र ने उनके खिलाफ आपत्ति जताई है। अगर वे चाहते हैं तो उन्हें वहां (यूपी) से चुनाव लड़ाना चाहिए। उन्हें सच्चाई नहीं पता है।” इससे पहले, अखिलेश यादव ने पार्टी नेता अबू आजमी के निलंबन की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि इस तरह की कार्रवाइयों पर वैचारिक प्रभाव लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)