बैठक में मौजूद उपमुख्यमंत्री अजित पवार व अन्य अधिकारी
मुंबई: नासिक और आसपास क्षेत्र के अंगूर उत्पादक किसानों के लिए शनिवार को बड़ी राहत की खबर आई। महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने अंगूर को कृषि उत्पाद का दर्जा देने का निर्णय लिया है। यह निर्णय अंगूर की फसल को कृषि उपज का दर्जा, बीमा सुरक्षा, मुआवजा और सब्सिडी देने से संबंधित मंत्रालय में उप मुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में बुलाई गई बैठक में लिया गया।
महाराष्ट्र में अंगूर उत्पादकों की विभिन्न समस्याओं और मांगों को लेकर उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रालय में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में दावा किया गया कि अंगूर से किशमिश के उत्पादन में किसी यांत्रिक विधि का प्रयोग नहीं किया जाता है। किशमिश को धूप में सुखाकर ही तैयार किया जाता है। इसलिए, चूंकि किशमिश एक प्रसंस्कृत भोजन नहीं है, इसलिए इसे हल्दी और गुड़ की तरह कृषि वस्तु के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।
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उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में अंगूर उत्पादकों को लेकर शुक्रवार को एक बैठक हुई। इस मौके पर अंगूर की खेती से जुड़े कई सवालों और समस्याओं की समीक्षा की गई। साथ ही उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि यह सरकार अंगूर उत्पादकों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का प्रयास कर रही है।
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इस संबंध में नाबार्ड एवं अन्य संबंधित एजेंसियों की बैठक आयोजित कर किशमिश को कृषि उपज का दर्जा देने का निर्णय लिया जाना चाहिए। इस फैसले के बाद कृषि वस्तु के रूप में किशमिश को जीएसटी से छूट, बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, प्राकृतिक आपदा से नुकसान की स्थिति में मुआवजा, कृषि वस्तु के रूप में विभिन्न संस्थाओं से सब्सिडी का लाभ मिलने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। अजित पवार ने वरिष्ठ अधिकारियों को कृषि वस्तुओं की सूची में करंट को शामिल करने की प्रक्रिया तुरंत पूरा करने का निर्देश दिया।