ई-ट्रांजिट शहरी परिवहन के लिए एक अच्छा विकल्प। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: शहरी परिवहन व्यवस्था के लिए ई-ट्रांजिट एक अच्छा विकल्प है और अधिकारियों को इसके आर्थिक पहलुओं की समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं, यह बात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कही। पिंपरी-चिंचवड़ महानगर क्षेत्र में प्रायोगिक रूप से ई-ट्रांजिट शुरू करने को लेकर HESS-AG कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ सह्याद्री अतिथिगृह में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मुख्यमंत्री फडणवीस ने अपने विचार व्यक्त किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना की व्यवहार्यता की जांच आवश्यक है और कंपनी को चाहिए कि वह अपने उत्पाद भारत में ही निर्मित करे, ताकि निर्माण लागत कम हो और परियोजना लागत में भी बचत हो सके। यदि कंपनी कम लागत में एक अच्छी शहरी परिवहन प्रणाली उपलब्ध कराती है, तो राज्य के कम से कम 10 शहरों में ऐसे प्रकल्प शुरू किए जा सकते हैं। इसके लिए कंपनी को अपने ई-ट्रांजिट बसों का निर्माण भारत में ही शुरू करना चाहिए, और पिंपरी-चिंचवड़ मनपा क्षेत्र में यह प्रकल्प शुरू करने हेतु विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए।
मेट्रो, ई-बसनंतर शहरी वाहतुकीसाठी ई-ट्रांझिटवर शासनाचा विचार
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांच्या अध्यक्षतेखाली सह्याद्री अतिथिगृह येथे पिंपरी चिंचवड शहरात प्रायोगिक तत्त्वावर ई-ट्रांझिट सुरू करण्यासंदर्भात HESS-AG कंपनीच्या प्रतिनिधींसोबत बैठक झाली. शहरी वाहतुकीसाठी ई-ट्रांझिट… pic.twitter.com/ASnmJeG2VD
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 11, 2025
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वर्तमान में इस्तेमाल की जा रही ई-बस, मेट्रो और ई-ट्रांजिट के आर्थिक और अन्य पहलुओं को समग्र रूप से देखते हुए प्रस्ताव तैयार किया जाना चाहिए। कंपनी को एक अच्छा और व्यवहारिक प्रस्ताव देना होगा। उन्होंने कहा कि मेट्रो के साथ-साथ एक वैकल्पिक व्यवस्था भी वर्तमान में शहरों के लिए आवश्यक है, और यदि यह सुविधा ई-ट्रांजिट के माध्यम से मिलती है तो उसका स्वागत किया जाएगा।
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इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ अपर मुख्य सचिव विकास खारगे, प्रधान सचिव अश्विनी भिडे, पिंपरी-चिंचवड़ मनपा आयुक्त शेखर सिंग और HESS-AG कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित थे। पिंपरी-चिंचवड़ मनपा क्षेत्र में मौजूदा मेट्रो और बीआरटी (रैपिड बस सेवा) को मिलाकर एक एचसीएमटीआर (हाई-कैपेसिटी मास ट्रांजिट रूट) प्रणाली स्थापित करने का प्रस्ताव है। इस संदर्भ में ई-ट्रांजिट प्रणाली पर विस्तृत चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हेस-एजी को भारत में ही ई-बसों का निर्माण करना चाहिए, ताकि उत्पादन लागत में बचत हो और किफायती एवं गुणवत्तापूर्ण परिवहन सुविधा स्थापित हो सके। यदि यह मॉडल सफल रहा तो इसे राज्य के 10 अन्य शहरों में भी लागू किया जा सकता है। कंपनी को वर्तमान में संचालित सभी ई-बस, मेट्रो और ई-ट्रांजिट प्रणालियों का तुलनात्मक अध्ययन करके एक अच्छा और व्यवहार्य प्रस्ताव बनाना चाहिए। शहरों को फिलहाल मेट्रो के अलावा एक अन्य विकल्प की भी जरूरत है। यदि यह ई-ट्रांजिट सुविधा के माध्यम से उपलब्ध है, तो इसका स्वागत है। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और एचईएसएस-एजी कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।