डॉक्टर ने अटल सेतु में छलांग लगाकर खत्म कर दी जिंदगी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: मुंबईकरों के आरामदायक सफ़र के लिए बनाया गया अटल सेतु एक बार फिर आत्महत्या की घटना के कारण चर्चा में आ गया है। पिछले कुछ दिनों से इस अटल सेतु पर आत्महत्याओं की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है। ऐसे में, क्या अटल सेतु एक सुसाइड पॉइंट बन गया है? यह सवाल उठ खड़ा हुआ है। पिछले कुछ दिनों में अटल सेतु पर लगातार आत्महत्या की घटनाएँ देखने को मिली हैं। ऐसे में एक और आत्महत्या का मामला सामने आया है।
जे.जे. अस्पताल के एक डॉक्टर ने मुंबई और नवी मुंबई को जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण राजमार्ग पुल, अटल सेतु से छलांग लगा दी। यह घटना सोमवार रात की है और पता चला है कि डॉक्टर का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। इसी बीच, एक व्यक्ति ने यह घटना देखी और डॉक्टर को पुल से खाड़ी में कूदते हुए देखा। इसके बाद, उस व्यक्ति ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद यह घटना सामने आई है।
इस बीच, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुँची और जाँच की तो पुल पर एक चार पहिया वाहन और एक मोबाइल फ़ोन मिला। अटल सेतु से खाड़ी में कूदने वाले व्यक्ति का नाम डॉ. ओंकार भागवत कवितके (उम्र 32) बताया गया है। ओंकार कवितके जे.जे. अस्पताल में डॉक्टर के पद पर कार्यरत हैं। वह कलंबोली निवासी हैं और सोमवार रात अटल सेतु पर आए और अपनी कार रोककर पल भर में खाड़ी में कूद गए। सूचना मिलने के बाद, पुलिस ने जाँच की और पुल पर एक होंडा अमेज और एक आईफोन मिला।
उल्वा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक अर्जुन राजने ने बताया कि ओंकार कवितके के कूदने की जानकारी मिलने के बाद, ध्रुवतारा नाव को तलाशी अभियान के लिए तैनात किया गया। खाड़ी में ओंकार कवितके की तलाश जारी है। पुलिस इस बात की भी जाँच कर रही है कि उसने आत्महत्या का फैसला क्यों किया। पुलिस ने बताया, “जब हमने फ़ोन कॉल डिटेल्स की जाँच की, तो पता चला कि डॉक्टर ने आखिरी बार सोमवार रात 9.11 बजे अपनी माँ को फ़ोन किया था और बताया था कि वह जल्द ही रात के खाने के लिए घर आ रहा है…”
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नई मुंबई को मुंबई से जोड़ना वाला अटल सेतु शहर का अगला सुसाइड पॉइंट बनता जा रहा है। पुल से अब तक कई लोगों ने समुद्र में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली, या करते हुए बचा लिए गए। अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु (मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक) पर आत्महत्या के बढ़ते मामलों में प्रशासन को भी परेशान कर रखा है।
इसकी एक बड़ी वजह ये बताई जाती है कि 21.8 किमी लंबा ब्रिज गहरे समुद्र के ऊपर बना हुआ है। लोग अपनी गाड़ियों से पुल के बीचों बीच रुकते हैं और गहरे समुद्र में छलांग लगा देते हैं। ब्रिज पर बने डिवाइडर की ऊंचाई भी बेहद कम है, जिस पर चढ़कर कोई भी शख्स नीचे कूद सकता है। हालांकि डिवाइडर ऊंचा करने से पुल पर अत्यधिक भार पड़ता, लेकिन ऐसे मामलों को रोकने के लिए डिवाइडर के ऊपर चेन लिंक फेंसिंग लगाने के विकल्प पर विचार किया जा सकता है।