शिवाजी महाराज के किले में बप्पा (pic credit; social media)
Maharashtra News: गणेशोत्सव का रंगारंग उत्सव इस बार गोरेगांव स्थित दादासाहेब फालके चित्रनगरी में और भी खास बन गया है। यहां विराजमान गणपति बप्पा को छत्रपति शिवाजी महाराज के शौर्य और पराक्रम की झलक के साथ प्रस्तुत किया गया है। रायगढ़ किले की थीम पर बने इस पंडाल में बप्पा शिवाजी महाराज के स्वरूप में विराजमान हैं।
चित्रनगरी गणेशोत्सव मंडल के 32वें वर्ष में बनाए गए इस पंडाल ने भक्तों और पर्यटकों को खासा आकर्षित किया है। मंडल ने केवल रायगढ़ ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र और तमिलनाडु के कुल 12 किलों की प्रतिकृति भी तैयार की है। इनमें सलहेर, शिवनेरी, खंडेरी, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, लोहगढ़, पन्हाला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग, तोरणा और जिंजी किला शामिल हैं।
पंडाल के प्रवेश द्वार पर भगवा ध्वज लहराता दिखाई देता है। वहीं, सजावट में प्राकृतिक रंगों से कैनवास पर बनी पेंटिंग का इस्तेमाल किया गया है, जिससे इसे और भी आकर्षक रूप मिला है। कला निर्देशक सुमित पाटील ने छत्रपति शिवराय की राजमुद्रा, बोली और जीवन से जुड़ी झलकियां भी कलात्मक ढंग से प्रदर्शित की हैं।
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गणेशोत्सव मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि इस अनूठी सजावट का उद्देश्य केवल धार्मिक उत्सव तक सीमित नहीं है। मंडल ने मराठा काल के किलों के महत्व और उनकी विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। यही कारण है कि पंडाल में दर्शन करने आने वाले भक्तों को किलों के इतिहास और पराक्रम की जानकारी दी जा रही है।
मंडल ने बताया कि शिवाजी महाराज के ये किले 17वीं से 19वीं सदी के बीच बने थे और इनमें से कई को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। इस झांकी के जरिए युवा पीढ़ी को ऐतिहासिक विरासत से जोड़ने और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है। गणेश प्रतिमा का श्रृंगार मुंबई के नामचीन कलाकारों ने किया है। आकर्षक और भव्य मूर्ति भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। यही कारण है कि चित्रनगरी में बप्पा के दर्शन के लिए रोजाना भारी संख्या में भक्त और पर्यटक पहुंच रहे हैं।