शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान संस्था के प्रमुख संभाजी भिड़े उर्फ भिड़े गुरुजी (डिजाइन फोटो)
Bhide Guruji on Maratha Reservation : मराठा भी सिकुड़ रहे हैं। मराठा आरक्षण नहीं मांगना, मराठा काे देश चलाना हैं। पूरे देश को चलाने के लिए जिम्मेदारी अगर किसी पर है तो वह तो वह महाराष्ट्र का मराठा समुदाय है। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मराठा यह नहीं जानते कि वे कौन हैं। यह बयान शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान संस्था के प्रमुख संभाजी भिड़े उर्फ भिड़े गुरुजी ने दिया है।
महाराष्ट्र की राजनीति में मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ रहा है। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनाेज जरांगे लगातार मराठा आरक्षण की मांग कर रहे है। इस बीच शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान संस्था के प्रमुख संभाजी भिड़े उर्फ भिड़े गुरुजी ने बड़ा बयान दिया है।
“महाराष्ट्र मेला, तरी राष्ट्र मेले। मराठ्यांविना, राष्ट्र गाडा न चाले” मतलब “महाराष्ट्र मरा तो राष्ट्र मर जाएगा। मराठों के बिना राष्ट्र आगे नहीं बढ़ सकेगा।” यह कहते हुए संभाजी भिड़े ने कहा कि “ओह, मराठा भी सिकुड़ रहे हैं। हमें आरक्षण चाहिए। मराठा आरक्षण नहीं चाहते। मराठा देश चलाना चाहते हैं। यदि कोई समुदाय पूरे देश को चलाने के लिए जिम्मेदार है, तो वह महाराष्ट्र का मराठा समुदाय है। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मराठा नहीं जानते कि हम कौन हैं। मराठों के लिए हम कौन हैं?” अगर यह बात समझ ली जाए तो देश को समृद्ध बनने में दो दिन नहीं लगेंगे।”
इस दौरान जब भिड़े गुरुजी से धनंजय मुंडे के मंत्री पद से इस्तीफे के संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले को अलग रखा जाए। यह हमारा विषय नहीं है।
संभाजी भिड़े उर्फ भिड़े गुरुजी ने कहा कि सभी शासकों को सबसे पहले शिवाजी महाराज की जीवनी, संभाजी महाराज की जीवनी, जीजामाता की जीवनी, शाहजी राज्या की जीवनी और मराठों का इतिहास ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए।
यदि हम इस देश को एक राष्ट्र के रूप में बनाए रखना चाहते हैं, तो सबसे पहले, मराठों का इतिहास देश में अनिवार्य किया जाना चाहिए, दसवीं कक्षा तक, चाहे कोई भी भाषा बोली जाए। यदि देश को जीवित रखना है तो संस्कृत अवश्य पढ़ाई जानी चाहिए। ये बहुत जरूरी चीजें हैं।
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लेकिन महाराष्ट्र की सरकार भी ऐसी होनी चाहिए जो ऐसा करने की इच्छा पैदा करे। देश आज जो कुछ भी है, वह शिवाजी-संभाजी-शाहजी और जीजामाता के व्यक्तित्व के कारण है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ महाराष्ट्र नहीं, बल्कि पूरे देश की बात है।