
गोंदिया न्यूज
Gondia Latest News: ‘साथी’ इस राष्ट्रव्यापी पोर्टल के माध्यम से बीजों के उत्पादन, प्रमाणीकरण, वितरण और बिक्री की पूरी प्रक्रिया पर ऑनलाइन नजर रखी जाती है। ‘साथी’ पोर्टल को दो चरणों में लागू किया गया है। पहले चरण में, बीज उत्पादक कंपनियों के पंजीकरण, उत्पादन प्रक्रिया और प्रमाणित बीजों के स्टॉक की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई थी।
राज्य में यह चरण सफलतापूर्वक शुरू हो चुका है। अब, खरीफ 2025 सीजन से दूसरे चरण में, बीजों का वितरण और बिक्री पूरी तरह से ‘साथी’ पोर्टल के माध्यम से करने के आदेश दिए गए हैं। यह अब सभी का ध्यान आकर्षित कर रहा है। कृषि केंद्र संचालकों का आरोप है कि ‘साथी’ पोर्टल की दूसरे चरण की व्यवस्था के कारण लेन-देन में कई तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं, जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है।
इस नई व्यवस्था के तहत बीज, खाद और कृषि आदानों की बिक्री पूरी तरह से ऑनलाइन हो रही है। लेकिन, पोर्टल पर जटिल प्रक्रिया, बार-बार सर्वर डाउन होने, लेन-देन की धीमी गति और सॉफ्टवेयर की सीमाओं के कारण लेन-देन सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है। केंद्र संचालकों का कहना है कि इसके परिणामस्वरूप किसानों को आवश्यक आदान मिलने में देरी हो रही है, जिससे फसलों का मौसमी काम प्रभावित हो रहा है।
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इस पहल से किसानों को सीधे प्रमाणित, गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय बीज उपलब्ध होंगे। यह प्रणाली नकली, एक्सपायर या अनधिकृत बीजों की बिक्री रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कृषि विभाग ने विश्वास व्यक्त किया है कि इससे पूरा बीज उद्योग पारदर्शी और जवाबदेह बनेगा। ‘सत्यप्रत बीज’ निजी कंपनियों द्वारा उत्पादित उच्च गुणवत्ता वाले बीज हैं। इस श्रेणी के बीज आमतौर पर बाजार में उपलब्ध बीजों का 70 से 80 प्रतिशत होते हैं।
ये बीज उत्पादन बढ़ाते हैं और किसानों को आर्थिक लाभ प्रदान करते हैं। महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र के साथ मिलकर खरीफ 2025 से पूरे राज्य में इस प्रणाली को लागू किया है। इसलिए, यह उम्मीद की जा रही थी कि राज्य के सभी किसानों को ‘साथी पोर्टल’ के माध्यम से उचित मूल्य पर प्रमाणित बीज मिलेंगे।






