
महायुति बनाम ठाकरे बंधु (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nashik Municipal Election: महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे बंधुओं (उद्धव और राज ठाकरे) के गठबंधन के बाद अब नाशिक महानगरपालिका चुनाव के लिए महायुति (भाजपा-शिंदे सेना) का भी सीट बंटवारा अंतिम चरण में पहुंच गया है। सूत्रों के अनुसार, नाशिक की कुल 122 सीटों में से भाजपा सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए 25 से 30 सीटों का प्रस्ताव रखा गया है।
ऐसी जानकारी तीनों पार्टीयों के सूत्रों से प्राप्त होने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। जानकारों का मानना है कि यह समीकरण समय और राजनीतिक स्थिती के साथ बदल भी सकता है। महायुति में सीटों का गणित सीट बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मंत्री गिरीश महाजन और दादा भुसे के बीच अहम बैठक संपन्न हुई।
बताया जा रहा है कि शिंदे गुट ने शुरुआत में 45 सीटों की मांग की थी, लेकिन भाजपा के 25-30 सीटों के प्रस्ताव पर अब सहमति बनती दिख रही है। दोनों दलों के नेताओं के बीच चर्चा सकारात्मक रही है और जल्द ही आधिकारिक घोषणा होने की संभावना है।
दूसरी ओर, नाशिक में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और मनसे के बीच गठबंधन तय हो चुका है, जिसमें ठाकरे सेना ‘बड़े भाई’ की भूमिका में होगी। संभावित फॉर्मूले के तहत 122 सीटों में से 72 सीटें शिवसेना (UBT) और 50 सीटें मनसे के पास रह सकती हैं लेकिन, माकपा, वंचित बहुजन आघाड़ी और राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ चल रही बातचीत के बाद इस संख्या में बदलाव हो सकता है।
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फिलहाल कांग्रेस की भूमिका पर सस्पेंस बना हुआ है। बदले हुए समीकरणों में कड़ी चुनौती वर्ष 2017 के चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो 122 में से शिवसेना ने 35 और मनसे ने 5 सीटें जीती थीं। वर्तमान में राजनीतिक परिस्थितियां पूरी तरह बदल चुकी हैं। शिवसेना में फूट के बाद अब ठाकरे गुट के पास 8 और मनसे के पास केवल 3 पार्षद शेष हैं। ऐसे में ‘ठाकरे ब्रांड’ के सामने नाशिक मनपा की सत्ता पर फिर से काबिज होने की बड़ी चुनौती होगी।






