प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Jal Jeevan Mission: महाराष्ट्र सरकार व केंद्र के संयुक्त उपक्रम जलजीवन मिशन अंतर्गत कार्यरत संविदा कर्मचारियों की दिवाली इस बार अंधेरे में बीतने की आशंका है। चार महीनों से मानदेय नहीं मिलने के कारण गोंदिया जिला समेत पूरे महाराष्ट्र के हजारों कर्मचारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
इसमें जिला विशेषज्ञ, ब्लॉक रिसोर्स सेंटर कर्मी, डेटा एंट्री ऑपरेटर, तकनीकी सहायक, लेखा सहायक व अन्य संविदा कर्मचारी शामिल हैं, जो जल जीवन मिशन तथा स्वच्छ भारत मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में लगातार कार्यरत हैं।
जानकारी के अनुसार, इन कर्मचारियों को जुलाई 2025 से अब तक मानदेय प्राप्त नहीं हुआ है। केंद्र प्रायोजित इस योजना के लिए राज्य जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग द्वारा भुगतान की प्रक्रिया केंद्र से निधि प्राप्ति पर निर्भर है। लेकिन चार माह से निधि न आने के कारण कर्मचारियों का वेतन वितरण ठप पड़ा हुआ है।
कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने कई बार विभागीय कार्यालयों से संपर्क किया, लेकिन हर बार उन्हें यही उत्तर मिला कि केंद्र से निधि प्राप्त नहीं हुई है, इसलिए भुगतान संभव नहीं है।
इस अस्पष्ट स्थिति से कर्मचारी वर्ग में गहरा आक्रोश और निराशा देखी जा रही है। एक कर्मचारी ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा कि, हम जल जीवन मिशन के माध्यम से गांव-गांव में नल जल योजना को सफल बनाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।
चार महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण परिवार का खर्च, बच्चों की फीस व बिजली-पानी के बिल तक भरना मुश्किल हो गया है। अब दिवाली कैसे मनाएं, यही सबसे बड़ा सवाल है।
संविदा कर्मचारियों ने इस मुद्दे को लेकर प्रत्येक जिले के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के साथ-साथ राज्य सरकार के जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव को ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में तत्काल निधि जारी कर लंबित मानदेय के भुगतान की मांग की गई है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो राज्यभर में आंदोलन का मार्ग अपनाया जाएगा।
संविदा कर्मचारी पहले से ही सीमित मानदेय पर कार्य कर रहे हैं। उनका यह मासिक भुगतान ही उनके परिवारों की जीविका का एकमात्र साधन है।
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वर्तमान परिस्थिति में वे न केवल आर्थिक बल्कि मानसिक तनाव से भी गुजर रहे हैं। कई कर्मचारियों ने बताया कि दिवाली जैसे प्रमुख त्यौहार के समय घर चलाना और बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करना अत्यंत कठिन हो गया है।
कर्मचारियों ने सरकार से अपील की है कि वह इस गंभीर स्थिति को संवेदनशीलता से समझे और तत्काल धनराशि जारी करे ताकि संविदा कर्मचारियों को राहत मिल सके, जल जीवन मिशन जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के पीछे जो कर्मठ कर्मचारी काम कर रहे हैं, उनके हितों की अनदेखी न हो, यह समय की सबसे बड़ी मांग है।