प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Electricity Tax Hike: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से क्रियान्वित की जा रही ‘कुसुम घटक ब’ सौर कृषि पंप योजना के लिए निधि जुटाने के उद्देश्य से, सरकार ने औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बिजली शुल्क लगाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से उद्योगपतियों और व्यापारियों के बिजली बिल में हर महीने उल्लेखनीय वृद्धि होगी। साथ ही, इस कोष के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
राज्य सरकार ने औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिक्री कर में 9.90 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की है। पहले यह कर 11.04 पैसे था, जो अब बढ़कर 20.94 पैसे प्रति यूनिट हो गया है। यानी, उपभोक्ताओं को बिजली की प्रत्येक यूनिट पर लगभग 10 पैसे का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा।
इस वृद्धि से हर महीने बिजली बिल में सैकड़ों से हजारों रुपए की वृद्धि होगी। इसका प्रभाव विशेष रूप से बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में महसूस किया जाएगा। इस मूल्य वृद्धि से राज्य भर के वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं से सरकार को भारी राजस्व प्राप्त होगा।
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इस निर्णय से उद्योगपतियों और व्यापारियों में असंतोष का माहौल है। उत्पादन लागत, श्रम मजदूरी और कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के कारण उद्योग क्षेत्र पहले से ही दबाव में है। ऐसे में बिजली बिक्री कर में वृद्धि से उनके कुल खर्च में और वृद्धि होगी। छोटे और मध्यम उद्यम (MSME) विशेष रूप से प्रभावित होंगे। कई व्यापारियों ने इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की है।
इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होगा। अभी ग्रामीण इलाकों में किसानों को ज्यादातर रात में बिजली मिलती है। जिससे कृषि कार्य, सिंचाई और मजदूरों को खेतों में रखना मुश्किल हो जाता है। लेकिन कुसुम योजना से अब किसानों को दिन में बिजली मिलेगी। जिससे खेती की लागत कम होगी, डीजल पंपों पर खर्च बचेगा और खेती ज्यादा टिकाऊ बनेगी।