मनोज जरांगे और विजय वडेट्टीवार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur News: नागपुर में ओबीसी आरक्षण के लिए उन्होंने कहा कि मनोज जरांगे पाटिल तो ओबीसी की जड़ें काटने निकला है लेकिन फडणवीस सरकार तो जड़ से ही खत्म करने पर आ गई है। 2 सितंबर का जीआर ओबीसी को खत्म करने वाला है। समाज-समाज के बीच झगड़ा लगाया गया। धनगरों को आदिवासियों के खिलाफ खड़ा किया, बंजारा, ओबीसी, धनगरों में फूट डालने का काम शुरू है।
इस सरकार ने ओबीसी की गर्दन पर तलवार चलाई है। सकल ओबीसी समाज की ओर से यशवंत स्टेडियम से संविधान चौक तक महामोर्चा निकाला गया। विदर्भ सहित रत्नागिरी तक से ओबीसी बांधव हजारों की संख्या में सहभागी हुए। मोर्चा का एक छोर यशवंत स्टेडियम में था तो दूसरा संविधान चौक पर। मंच पर राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को भाषण से दूर ही रखा गया। समाज के लिए जनजागृति का कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को अपनी भावनाएं रखने का अवसर दिया गया।
इस दौरान सांसद प्रतिभा धानोरकर, श्यामकुमार बर्वे, पूर्व मंत्री अनिल देशमुख, सुनील केदार, माणिकराव ठाकरे, राजेंद्र मुलक, महादेव जानकर, लक्ष्मण हाके, मंगेश ससाणे, सुधाकर अडबाले, रामदास मसराम, विकास ठाकरे, प्रफुल्ल गुडधे, सुरेश भोयर, कुंदा राऊत, अवंतिका लेकूरवाले सहित बड़ी संख्या में समाज बांधव उपस्थित थे।
वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य में 15 फीसदी लोगों को 48 प्रतिशत, जबकि 85 फीसदी लोगों को मात्र 12 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। आरक्षण की संवैधानिकता खत्म करने की साजिश शुरू है। 374 जातियों सहित अन्य 874 जातियों के साथ आरक्षण के नाम पर अन्याय किया जा रहा है। किसी ‘अढानी, अनपढ़’ के कहने पर सरकार झुक गई। मनोज जरांगे पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि जाकर देखो, आज भी ओबीसी बच्चों को पानी नहीं मिल रहा। मराठा समाज को सरकार ने 13,500 करोड़ रुपये दिए।
ओबीसी का डीएनए कहने वाली भाजपा ने ओबीसी को 500 करोड़ दिया। अजीत पवार ने सारथी की कांच की इमारत बनाई। ओबीसी विद्यार्थियों को किराये का हॉस्टल दिया। कुछ दिन पूर्व एमपीएससी की भर्ती हुई जिसमें एक भी ओबीसी को मौका नहीं मिला। नौकरियां खत्म की जा रही हैं। महादेव जानकर, मंगेश ससाणे, मनोहर भेंडे ने भी अपने विचार रखे। रवींद्र दरेकर, उमेश कोर्राम ने संचालन किया।
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मराठाओं को 2 वर्ष में 2.40 लाख कुणबी प्रमाणपत्र दिए गए। अब रोज ही 2,000 दे रहे हैं। ओबीसी को सप्ताहभर लगता है और उन्हें 1 घंटे में प्रमाणपत्र मिल रहा है। अपील की गई कि जो ओबीसी की भावनाओं और हक से खेल रहे हैं उनका बंदोबस्त करो। उन्होंने कहा, 2 सितंबर का जीआर रद्द करवाना ही ध्येय है।
तेलंगाना ने ओबीसी को 43 प्रतिशत आरक्षण दिया है। अगर धमक है तो महाराष्ट्र सरकार वह करके दिखाए। अगर ऐसा किया तो ओबीसी समाज सरकार के साथ होगा। वडेट्टीवार ने स्पष्ट किया कि यह मोर्चा राजनीति के लिए नहीं बल्कि सरकार के गलत निर्णय के विरोध में है।