
खरीफ मौसम की धान कटाई व मलनी पूरी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gondia Rice Farming Update: गोंदिया जिले में किसानों द्वारा खरीफ मौसम की धान कटाई और मलनी का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। अब किसान रबी मौसम की तैयारी में जुट गए हैं। इसके तहत खेतों में जुताई सहित बुआई पूर्व की तैयारी शुरू कर दी गई है। किसान रबी फसलों के लिए बीज, खाद और दवाइयों की खरीदी में सक्रिय हो गए हैं। हालांकि खाद के दाम बढ़ने से किसान खरीदी को लेकर चिंतित भी नज़र आ रहे हैं।
खेतों में आधुनिक यंत्रों के बढ़ते उपयोग के कारण पशुधन विशेषकर बैलों की संख्या में कमी आई है। वहीं मजदूरों की कमी भी किसानों के सामने चुनौती बनी हुई है। महंगाई की मार झेलते हुए किसान कड़ी ठंड में खेतों की सफाई, जुताई और अन्य मेहनतकश कृषि कार्यों में जुटे हैं। कुछ किसान बैल जोड़ी की मदद से, तो अधिकांश किसान ट्रैक्टरों और आधुनिक उपकरणों के सहारे खेत तैयार कर रहे हैं।
बेमौसम बारिश से हुए फसल नुकसान ने किसानों की आर्थिक स्थिति पर असर डाला है। ऐसे में किसान रबी फसलों के जरिए इस नुकसान की भरपाई करने की कोशिश में लगे हैं। बीज एवं खाद विक्रेताओं के पास विभिन्न कंपनियों का भरपूर स्टॉक उपलब्ध है, लेकिन लगातार बढ़ते दाम किसानों की चिंता बढ़ा रहे हैं। सिंचाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के प्रयास भी जारी हैं।
जिले में खरीफ का क्षेत्रफल सबसे अधिक है और यह मानसून के पानी पर निर्भर रहता है। इस बार बरसात के कारण मिट्टी में पर्याप्त नमी बनी हुई है। ऐसे में किसान रबी बुआई के लिए खेतों की तैयारी में किसी भी मौसम की परवाह किए बिना जुटे हुए हैं।
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आज अधिकतर किसान कृषि कार्यों के लिए मशीनों और आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। परिणामस्वरूप बैल जोड़ी से होने वाले कार्यों का महत्व तेजी से घट रहा है। परंपरागत कृषि औज़ार अब लगभग नामशेष होने की कगार पर हैं। बैलों को हांकते समय किसानों की पहचान बन चुकी आवाज़ें भी धीरे-धीरे इतिहास बनती जा रही हैं।






