
गोंदिया स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी (फोटो नवभारत)
TB mukt Bharat Abhiyan: प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी नीति के अनुसार 2025 तक भारत को टीबीरोग मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री टीबीरोग मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत गोंदिया ने वर्ष 2024-25 में राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
वर्ष 2025-26 में भी जिले ने केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 10 बिंदुओं पर काम करना शुरू कर दिया है और इस वर्ष भी जिप के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में शीर्ष स्थान बनाए रखने के लिए काम करना शुरू कर दिया है। यह जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अभिजीत गोल्हार ने एक चर्चा के दौरान दी।
डॉ. गोल्हार ने कहा कि पहले की तुलना में हमारी जांच प्रयोगशालाओं और हमारे अथक साथियों की उत्कृष्ट भागीदारी के कारण जिले का नाम राज्य स्तर पर प्रमुखता से आने लगा है।
जब टीबी रोग शब्द का जिक्र होता है, तो कई लोगों के मन में डर बैठ जाता है। लेकिन उचित दवा और संतुलित आहार लेने से इस बीमारी पर आसानी से काबू पाया जा सकता है। टीबीरोगियों को मरने से बचाने के लिए सरकार राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम लागू कर रही है।
इस कार्यक्रम के तहत ठीक होने की दर 90 प्रश। से अधिक होने के कारण जिले ने राज्य स्तर पर पहला स्थान हासिल किया है। जिले में 21 प्रयोगशालाओं से जांच की जा रही है और दिसंबर 2025 के अंत तक 49,547 जांच का लक्ष्य दिया गया था, जिसे सितंबर 2025 तक पूरा कर 67,819 जांच पूरी कर ली गई।
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इसी तरह, 100 दिवसीय कार्यक्रम के तहत 320 रोगियों को खोजने का लक्ष्य दिया गया था, 720 नए रोगी पाए गए। इसी तरह इस वर्ष 2,250 नए रोगियों को खोजने के लक्ष्य में से स्वास्थ्य सेवा अधिकारियों, कर्मचारियों और निक्षय मित्रों की मदद से 1,928 रोगी पाए गए, ऐसी जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गोल्हार ने दी।
टीबीरोग की पुष्टि होने पर रोगी का तुरंत उपचार शुरू किया जाता है। यदि रोगी चिकित्सीय सलाह के अनुसार छह महीने तक नियमित दवा लेते हैं, तो क्षयरोग पूरी तरह से ठीक हो जाता है। यदि इस रोग पर ध्यान नहीं दिया जाता है और उचित दवा नहीं दी जाती है, तो रोगी की मृत्यु होने की संभावना रहती है। धूम्रपान, शराब, तंबाकू जैसे व्यसनों से दूर रहना आवश्यक है।
साथ ही, रोगी को भूख न लगना और कमजोरी जैसे लक्षण दिखाई देते ही चिकित्सा उपचार लेना आवश्यक है। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गोल्हार के साथ डॉ. अरविंद वाघमारे, डॉ. रोशन राऊत, डॉ. विनोद चव्हाण, डॉ. निरंजन अग्रवाल, प्रकाश खरात, पीयूष श्रीवास्तव और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
गोंदिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में 27 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी से लेकर सभी श्रेणियों के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग में 938 पद स्वीकृत हैं। जिनमें से 634 पद भरे हुए हैं। जबकि 251 पद रिक्त हैं।
विशेष रूप से, स्वास्थ्य कर्मचारियों, प्रायोगिक शाला, स्वास्थ्य कर्मचारियों और सफाई कर्मचारियों की सबसे अधिक कमी है। इसके बावजूद, गोंदिया जिला परिषद का स्वास्थ्य विभाग अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के बल पर राज्य में सर्वश्रेष्ठ बन रहा है।






