700 नवसाक्षर होंगे डिजिटली सक्षम (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Digitally Literate: कुछ हद तक पढ़-लिख सकते हैं, लेकिन पैसे का लेन-देन या पत्र-व्यवहार नहीं कर सकते। केंद्र प्रायोजित नवभारत साक्षरता मिशन के तहत सालेकसा तहसील के लगभग 700 नव-साक्षर वयस्कों और बुजुर्गों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने की जिम्मेदारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को दी गई है। ऐसे लोग जल्द ही डिजिटल रूप से साक्षर हो जाएंगे और अपना काम करने में आत्मनिर्भर बनने की राह पर है। पहले लोग मुश्किल से चौथी कक्षा तक ही पढ़े होते थे। उन्हें मराठी-हिंदी के अंक और शब्द याद थे। पांचवीं कक्षा से अंग्रेजी भाषा पढ़ाई जाती थी।
पांचवीं कक्षा के बाद गांव में कोई शिक्षा सुविधा नहीं थी। पहले कई माता-पिता अपने बच्चों को दूर के स्कूलों में नहीं भेजते थे, इसलिए जो बच्चे चौथी कक्षा तक पढ़े थे, उन्हें अब वित्तीय लेन- देन या कई अन्य मामलों में कई जगहों पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बहुत से लोग स्कूल नहीं गए और निरक्षर ही रहे। बाद में सरकार ने वयस्क साक्षरता मिशन लागू किया और उन्हें पढ़ना-लिखना सिखाया।
लेकिन उनमें से कई केवल हस्ताक्षर करने के लिए साक्षर हो गए। वित्तीय लेनदेन या दैनिक जीवन में उनके जीवन में कई समस्याएं बनी रहीं। निरक्षर होने के कारण, कई लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा था। उनके पास बैंक खाते नहीं थे। सरकार ने जन धन योजना इस उद्देश्य से शुरू की कि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों के घरों तक पहुंचे। हर गरीब व्यक्ति को एक भी रुपया जमा किए बिना बैंक खाता खोलने का अवसर दिया गया। डीबीटी के माध्यम से, सरकार द्वारा भेजी गई राशि सीधे बैंक में जमा होने लगी।
राशि को निकालते समय या अपने बैंक खाते में पैसा जमा करते समय, उन्हें बैंक फॉर्म भरने के लिए किसी और की मदद लेनी पड़ती है। ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए, नव साक्षर लोगों को साक्षर बनाया जा सकता है और वे अपने दैनिक जीवन में सावधानी के साथ वित्तीय लेनदेन कर सकते हैं। नव
साक्षर बनते समय उन्हें अंकगणित पर ध्यान देना, बैंक लेन-देन के लिए फॉर्म भरना, मोबाइल फोन संभालते समय ऑनलाइन पैसे जमा करना, बैलेंस चेक करना, बाजार में सामान खरीदते समय एमआरपी देखना, सामान की खरीदी रसीद देखना आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक तरह से नव साक्षरों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने का अभियान चल रहा है और यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक हमारा जिला पूर्ण साक्षर घोषित नहीं हो जाता।
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सालेकसा के समूह संसाधन केंद्र समूह समन्वयक प्रदीप शरणागत ने कहा कि नवसाक्षरों को अपने दैनिक जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उनकी कठिनाइयों को कम करने के लिए नवभारत साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है। इसमें शिक्षकों को नवसाक्षरों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए।