झाड़ीपट्टी नाट्यकला को राजाश्रय देने सरकार प्रतिबद्ध (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gadchiroli News: झाड़ीपट्टी नाट्यकला का जतन, संवर्धन तथा प्रसार के लिए महाराष्ट्र सरकार प्रतिबद्ध है, इस कला को राजाश्रय देना सरकार की जिम्मेदारी है, ऐसा कथन जिले के सहपालकमंत्री एड. आशीष जयस्वाल ने किया। देसाईगंज में जिला प्रशासन व झाड़ीपट्टी नाट्यसम्मेलन समिति के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को 5वें झाड़ीपट्टी नाट्य सम्मेलन का आयोजन किया गया।
इस समय सम्मेलनाध्यक्ष के रूप में वरिष्ठ नाट्यकलाकार प्राचार्य के। आत्माराम, स्वागताध्यक्ष के रूप में विधायक रामदास मसराम, विशेष अतिथि के रूप में हास्यसम्राट भारत गणेशपुरे, पूर्व सम्मेलनाध्यक्ष पद्मश्री डॉ.परशुराम खुणे, प्रा. डा. शेखर डोंगरे, पूर्व विधायक कृष्णा गजबे, नरेंद्र गाडेकर, सामाजिक न्याय विभाग के सहायक आयुक्त डॉ। सचिन मडावी आदि मान्यवर उपस्थित थे।
इस समय सहपालकमंत्री एड। जयस्वाल ने आगे कहा कि झाड़ीपट्टी नाट्यकला के पीछे राज्य सरकार पूरी ताकत से खड़ी है। टीवी तथा मोबाइल के इस डिजिटल विश्व में भी गड़चिरोली के झाड़ीपट्टी का वैभव बचाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। सरकार इसके लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है।
सम्मेलन के लिए जिला नियोजन समिति की ओर से 10 लाख रुपयों का निधि उपलब्ध कराने की जानकारी देते हुए कहा कि झाड़ीपट्टी कलाकारों को मानधन, बीमा योजना तथा सुसज्ज नाट्यगृह इन सभी बातों के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। देसाईगंज में वातानुकूलित नाट्यगृह निर्माण करने मुंबई में बैठक लेकर आवश्यक निधि प्राप्त करने प्रयास करने का आश्वासन दिया।
राज्य सरकार के सांस्कृतिक कार्य विभाग ने हाल ही में झाड़ीपट्टी महोत्सव के लिए 23 लाख रुपये मंजूर किए है। यह कार्यक्रम शीघ्र ही आयोजित किया जाएगा। और इस परंपरा को सही मायने में राजाश्रय मिलेगा। “विदर्भ के रामटेक में मुंबई तथा कोल्हापुर के बाद तीसरी फिल्म नगरी निर्माण होने वाली है।
नाट्यकला के जीवित परंपरा को आगे ले जाने के लिए आवश्यक बातों के लिए ठोस प्रस्ताव तैयार करें, सरकार सभी स्तर से मदद करेगी तथा स्थायी उपाययोजना चलाएगी। मुख्यमंत्री विदर्भ के है और जिले के पालकमंत्री भी है। जिससे आपकी मांग तथा अपेक्षा पूर्ण किए जाएंगे। सरकार आपके साथ है। सम्मेलन की प्रस्तावना में डॉ. अनिरुद्ध वनकर ने रखी।
के। आत्माराम ने कहा कि रंगमंच पर सभी समान होते है। वह नायक रहे या पार्श्वभूमि के कलाकार, प्रत्येक भूमिका को महत्व होता है। दर्शकों के मन में जब सामूहिक परिणाम होते है, तभी नाटक सफल होता है।
उन्होने आगे कहा कि सहकार नाट्यकला की सांस है। असली कलाकार वह जो जीवन को भी एक सुंदर नाटक मानता है। वहीं झाड़ीपट्टी रंगभूमि को राजाश्रय देकर प्रत्येक तहसील में एक नाट्यगृह निर्माण करें तथा कलाकारों के लिए बीमा व मानधन योजना शुरू करें, ऐसी मांग सरकार से की।
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फिल्म अभिनेता भारत गणेशपुरे ने कहा कि झाड़ीपट्टी सक्षम रंगभूमि है, इस कला की परंपरा कायम रखने सभी को एकजुट होकर प्रयास करना जरूरी है। विधायक मसराम ने झाड़ीपट्टी कलाकारों को मानधन देने तथा नाट्यगृह निर्माण करने की मांग की, पूर्व विधायक गजबे ने वडसा में नाट्यगृह निर्माण करने 10 करोड़ का निधि मंजूर करने की मांग सरकार से की।