सर्जरी करने वाले डॉक्टर व टीम (फोटो नवभारत)
Gadchiroli News In Hindi: गड़चिरोली जिला महिला व बाल अस्पताल में एक महिला के पेट में 2 किलो 800 ग्राम वजन का मांस का गोला था। गोले के चलते महिला परेशान रहती थी। लेकिन जिला महिला अस्पताल के डा। शशिकांत बद्देला व उनके टीम ने जटिल सर्जरी करते हुए गोला सकुशल महिला के पेट से बाहर निकालकर उसकी जान बचाई।
गड़चिरोली के जिला महिला व बाल अस्पताल में दाखिल वनिता हालामी (47) पेट दर्द से काफी त्रस्त हुई थी। अनेक अस्पतालों में उसने उपचार कराया। लेकिन उसे कोई लाभ नहीं हुआ। जिला महिला व बाल अस्पताल में दाखिल होने के बाद यहां के चिकित्सकों ने उसकी जांच की।
जांच के दौरान उसके पेट में करीब 2 किलो से अधिक का गांठ यानी गोला होने का दिखाई दिया। इसके बाद उसकी लेप्रोस्कोपी द्वारा सर्जरी करने का निर्णय लिया गया। महिला व बाल अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. शशिकांत बद्देला समेत तज्ञ चिकित्सकों ने महिला के पेट से 2.8 ग्राम वजन का गोला बाहर निकाला। जिससे उक्त महिला को अब आराम मिला है।
चिकित्सकों ने ध्यानपूर्वक उसकी सर्जरी की। इस दौरान जिला महिला व बाल अस्पताल में 3 महिलाओं की लेप्रोस्कोपी द्वारा सर्जरी की गई। तीनों सर्जरी सफल रही।
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यह सर्जरी जिला शल्य चिकित्सक डॉ. माधुरी किलनाके, महिला व बाल अस्पताल के वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. पेंदाम के मार्गदर्शन में डॉ. शशिकांत बद्देला, डॉ. दीपक कातकडे, डॉ. तेजस्विनी नेलावल्ली, डॉ. मनीष पर्वते समेत सहयोगियों ने सफलतापूर्वक की।
स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. शशिकांत बद्देला ने कहा किलेप्रोस्कोपी शस्त्रक्रिया में छोटे घाव (छोटे छेद) से सर्जरी की जाती है। जिससे मरीजों को कम रक्तस्त्राव, कम दर्द होते है। वहीं संक्रमण का खतरा कम होता है। वे जल्द ही स्वस्थ हो जाते है।
मरीजों को शीघ्र यानी करीब तीसरे दिन ही डिस्चार्ज दिया जा सकता है। वे प्रतिदिन के कार्य शीघ्र शुरू कर सकते है। इस शल्य क्रिया से दर्द से शीघ्र राहत मिलती है।