कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भारत की विदेश नीति पर हमला (फोटो- सोशल मीडिया)
Rahul Gandhi Remark on Trump and Russian Oil Rift: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति पर बड़ा हमला बोला है। सोशल मीडिया पर किए एक पोस्ट में उन्होंने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि ‘प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप से डरते हैं’। यह राजनीतिक बवाल उस वक्त खड़ा हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि भारत अब रूस से कच्चा तेल नहीं खरीदेगा। राहुल गांधी ने इसी दावे को आधार बनाकर सरकार की संप्रभुता और स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राहुल गांधी का यह आरोप भारत-अमेरिका और भारत-रूस संबंधों के बीच चल रही खींचतान को और हवा दे रहा है। अपने बयान में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रधानमंत्री ने डोनाल्ड ट्रंप को यह फैसला करने और घोषणा करने की पूरी अनुमति दी कि भारत रूसी तेल नहीं खरीदेगा। राहुल ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि एक तरफ ट्रंप प्रशासन भारत की अनदेखी कर रहा है, वहीं दूसरी ओर से पीएम मोदी द्वारा उन्हें बधाई संदेश भेजे जा रहे हैं, जिसका ताजा उदाहरण इस्राइल-हमास शांति समझौते पर दी गई बधाई है।
PM Modi is frightened of Trump. 1. Allows Trump to decide and announce that India will not buy Russian oil.
2. Keeps sending congratulatory messages despite repeated snubs.
3. Canceled the Finance Minister’s visit to America.
4. Skipped Sharm el-Sheikh.
5. Doesn’t contradict him… — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 16, 2025
अपने आरोपों को और पुख्ता करने के लिए राहुल गांधी ने एक ट्वीट में पांच प्रमुख घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने लिखा, “(प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप से डरे हुए हैं।)
1. ट्रंप को यह निर्णय लेने और घोषणा करने की अनुमति देते हैं कि भारत रूसी तेल नहीं खरीदेगा।
2. बार-बार की गई अनदेखी के बावजूद बधाई संदेश भेजते रहते हैं।
3. वित्त मंत्री की अमेरिका यात्रा रद्द कर दी।
4. शर्म अल-शेख में शामिल नहीं हुए।
5. ऑपरेशन सिंदूर पर उनका विरोध नहीं करते।”
इन बिंदुओं के जरिए राहुल ने यह दिखाने की कोशिश की है कि सरकार राष्ट्रीय हितों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मौकों पर अमेरिकी दबाव के आगे झुक रही है।
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राहुल गांधी द्वारा उठाए गए इन सवालों ने देश में एक बड़ी राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है। विपक्ष लगातार यह पूछ रहा है कि क्या भारत की दशकों पुरानी स्वतंत्र विदेश नीति अब किसी बाहरी शक्ति के दबाव में काम कर रही है? रूसी तेल की खरीद का मामला हो या महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों से दूरी बनाने का, इन सभी घटनाओं को एक साथ जोड़कर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है। हालांकि, सत्ता पक्ष की ओर से इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि राहुल के इन तीखे सवालों का जवाब देना सरकार के लिए आसान नहीं होगा और यह मामला भविष्य में और तूल पकड़ सकता है।