बाबासाहेब पाटिल, प्रफुल पटेल व इंद्रनील नाईक (डिजाइन फोटो)
Indranil Naik Becomes New Guardian Minister of Gondia: अजित पवार की एनसीपी के कद्दावर नेता व राज्यसभा सांसद प्रफुल पटेल की नाराजगी सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल पर भारी पड़ी है. पाटिल को गोंदिया के पालक मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा है. उनकी जगह अब राज्य मंत्री इंद्रनील नाईक को नया पालक मंत्री बनाया गया है.
राज्य के सहकार मंत्री बाबासाहेब पाटिल ने गोंदिया के पालक मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। अब इंद्रनील नाईक गोंदिया के नए पालक मंत्री होंगे। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने वरली में आयोजित जिला अध्यक्षों की बैठक में की।
कुछ दिन पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद प्रफुल पटेल ने नागपुर में पार्टी शिविर में पालक मंत्री बाबासाहेब पाटिल की आलोचना करते हुए कहा था कि वह जिले में आते नहीं तथा सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी को आते हैं। इसके बाद, राजनीतिक गलियारों में इन बदलावों को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी।
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार गोंदिया जिले के पालकमंत्री के रूप में जिले की उपेक्षाओं और जिले को उचित समय नहीं दिए जाने के कारण सांसद प्रफुल पटेल पालकमंत्री बाबासाहेब पाटिल से नाराज चल रहे थे।
पालकमंत्री पाटिल को लेकर सांसद प्रफुल पटेल के पास यह शिकायत की गई थी कि पालकमंत्री कुछ खास लोगों को साथ लेकर गोंदिया जिला नियोजन विभाग के कार्यों को अंजाम दे रहे थे, जिसमें स्थानीय लोगों को काम नहीं दिया जा रहा था।
इसी प्रकार स्थानीय जनप्रतिनिधियों के काम को भी रोकने का कार्य पालकमंत्री पाटिल कर रहे थे, जिसके कारण शिकायत पर सांसद प्रफुल पटेल नाराज थे। माना जा रहा है कि बाबासाहेब पाटिल को पद छोड़ना पड़ा।
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अब यवतमाल जिले के पुसद के विधायक इंद्रनील मनोहर नाईक को गोंदिया जिले का पालकमंत्री बनाया गया है। नाईक राज्य सरकार में उद्योग, सार्वजनिक बांधकाम, उच्च व तंत्र शिक्षण, आदिवासी विकास, पर्यटन, मृद व जलसंधारण विभाग के राज्यमंत्री के रुप में राज्य सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
राज्य में कांग्रेस एनसीपी की सरकार रही हो या फिर भाजपा या महायुति की सरकार है, इन सरकारों में सिर्फ जिले के मोरगांव अर्जुनी क्षेत्र के विधायक राजकुमार बडोले और कुछ महीनों के लिये पालकमंत्री बने विधायक डॉ. परिणय फुके ने ही गोंदिया जिले को पर्याप्त समय दिया।
इसके अतिरिक्त जिले के पूर्व पालकमंत्रियों ने सिर्फ स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और नियोजन समिति की सभा लेने के लिए मात्र गोंदिया पहुंचे, जिसके कारण जिले के विकास में अनेक बाधाएं उत्पन्न होती रही। लेकिन कहा जा सकता है कि इस तरह से यदि जिले की उपेक्षा चाहे वो राकां के भी मंत्री क्यों ना हों? यदि जिले की उपेक्षा की जाएगी तो उसे प्रफुल पटेल अब स्वीकार नहीं करेंगे।
पालकमंत्री बाबासाहेब पाटिल की कि गई छुट्टी से यही संदेश दिखाई दे रहा है, जिसे निश्चित ही नए मंत्री इंद्रनील नाईक को भी समझ लेना होगा, जिन्हें बड़ी उम्मीदों से पटेल ने पालकमंत्री के रुप में चुना है।