
शिक्षकों में रोष (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Gadchiroli News: राज्य के शालेय शिक्षा विभाग ने जिले में जहां गांव-वहां शाला की तर्ज पर जिला परिषद की शालाएं आरंभ की है। इन शालाओं में हजारों की संख्या में शिक्षकों को नियुक्त किया गया है। दुर्गम क्षेत्र में लगातार 3 वर्षों तक कार्य करने के बाद संबंधित शिक्षक का तबादला सुगम क्षेत्र में किया जाता है। गत अक्टूबर माह में दुर्गम क्षेत्र के शिक्षकों के तबादले किये गये।
लेकिन अब तक संबंधित शिक्षकों को नई स्कूलों में पदस्थापना नहीं मिल पायी है। जिसके कारण शिक्षा विभाग की इस लापरवाहपूर्ण नीति से शिक्षकों में रोष बढ़ते जा रहा है। एक ऐसा ही मामला गड़चिरोली तहसील के वाकड़ी स्थित जिला परिषद शाला में सामने आया है। यह शाला सुगम क्षेत्र में शामिल होने के कारण यहां कार्यरत एक विषय शिक्षक को संबंधित प्रधानाध्यापक ने अन्य शाला में पदस्थापना देने से शाला से रिलीव कर दिया है।
लेकिन इस शाला में आने वाले दुर्गम क्षेत्र के शिक्षक को अब तक रिलीव ऑर्डर नहीं मिल पाया है। जिसके कारण पिछले 3 माह से वाकड़ी शाला में विषय शिक्षक का पद रिक्त पड़ा है। इस शाला में कक्षा 1 से 6वीं तक की कक्षाएं है, यहां 93 विद्यार्थी शिक्षारत है।
इस शाला के लिए जिप के शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के 5 पद मंजूर किये है। हाल ही में तबादलों की प्रक्रिया के बाद 5 में से 1 शिक्षक को अन्य शाला में पदस्थापना देने के लिए उसे रिलीव किया गया। शिक्षक के इस रिक्त पद पर दुर्गम क्षेत्र में कार्यरत एक शिक्षक को नियुक्त किया गया है। लेकिन अब तक संबंधित शिक्षक को पदस्थापना नहीं मिल पायी है।
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शिक्षा विभाग द्वारा दुर्गम क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों का सुगम क्षेत्र में तबादला किया गया है। लेकिन शिक्षकों की कमी के चलते उन्हें नई स्कूलों में पदस्थापना नहीं मिल पायी है। नई पदस्थापना की प्रक्रिया युध्दस्तर पर शुरू है। जल्द ही इस समस्या का निवारण किया जाएगा।






