
नागपुर विधानभवन (सौजन्य-नवभारत)
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र आमतौर पर बड़े राजनीतिक फैसलों, घोषणाओं और सियासी टकरावों के लिए जाना जाता है। स्थानीय निकाय चुनावों से पहले नागपुर में चल रहे इस सत्र से भी अहम निर्णयों की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन सत्र के बीच सामने आई एक खबर ने राजनीतिक बहस की दिशा ही बदल दी।
सत्र के दौरान यह सामने आया है कि दो मंत्रियों समेत दस विधायक और लगभग 1355 अधिकारी-कर्मचारी अचानक बीमार पड़ गए हैं। किसी को तेज बुखार है तो कोई सर्दी-खांसी और उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहा है। इतनी बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों की तबीयत बिगड़ने से प्रशासनिक हलकों में चिंता बढ़ गई है।
शीतकालीन सत्र के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों से नागपुर पहुंचे विधायकों और कर्मचारियों को यहां की कड़ाके की ठंड रास नहीं आई। विधानसभा परिसर स्थित मेडिकल वार्ड में बीते कुछ दिनों में मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है। जानकारी के अनुसार, दस विधायकों को तेज बुखार की शिकायत के बाद इलाज कराना पड़ा, जबकि अलग-अलग विभागों से आए करीब 1355 अधिकारी और कर्मचारी सर्दी-खांसी के शिकार हो गए।
विधानमंडल के मेडिकल वार्ड में जिन जनप्रतिनिधियों ने उपचार कराया, उनमें शिवाजी पाटिल, प्रशांत बम्ब, बालाजी किन्हीकर, मनीषा कायंदे, बालाजी कल्याणकर, कपिल पाटिल, अशोक माने, बाबूराव कदम कोहलीकर, प्रसाद लाड और हेमंत ओगुले शामिल हैं। डॉक्टरों के अनुसार, अधिकतर मामलों में वायरल बुखार और सर्दी-खांसी के लक्षण पाए गए हैं।
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शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा और शहर की सुरक्षा में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं। इनमें से कई पुलिसकर्मी उच्च रक्तचाप और सर्दी-खांसी की शिकायत के चलते अस्वस्थ पाए गए। कुछ को मेडिकल वार्ड में भर्ती कर उपचार दिया गया, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ा।
डॉक्टर्स के अनुसार, अचानक मौसम परिवर्तन, लगातार लंबी ड्यूटी और ज्यादा समय तक ठंड के संपर्क में रहने से बीमारी होने की जानकारी है। वहीं एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ पुलिसकर्मियों की तबीयत शराब का ज्यादा सेवन करने के कारण भी बिगड़ी। डॉक्टरों ने यह भी बताया कि दो मंत्रियों की तबीयत खराब होने के बाद उनके स्टाफ को एहतियातन दवाइयां लेने की सलाह दी गई।






