
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Gadchiroli Gramsevak Salary Delay: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री समृद्ध पंचायत अभियान शुरू हुआ है। इसकी जिम्मेदारी स्थानीय स्तर पर ग्राम पंचायत है। लेकिन ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी संभालने वाले ठेका ग्राम सेवकों को दिवाली बोनस तो दूर रहा, बल्कि तीन माह से वेतन नहीं मिलने से ठेका ग्रामसेवकों पर यह दिवाली अंधेरे में मनाने की नौबत आन पड़ी।
पिछले कुछ समय में गड़चिरोली जिले में ठेका ग्रामसेवकों के पद भरे गये। उक्त पद स्थानीय विकासकार्य में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले है। ऐसे में कुछ कालावधि पहले सरकार ने मुख्यमंत्री समृध्द पंचायत राज अभियान शुरू किया है। इस अभियान से गांव का विकास करने का अवसर है।
स्थानीय स्तर पर पदाधिकारी ग्रामसेवक के माध्यम से अभियान में शामिल होने की तैयारी दर्शा रहे है। इसके लिये स्थानीय स्तर पर काम कर अपने ग्राम पंचायत को प्रथम स्थान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी संभालनेवाले दिवाली जैसा उत्सव अंधेरे में मनानी पड़ने से ग्रामसेवकों में सरकार के प्रति तीव्र रोष व्याप्त है।
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गड़चिरोली जिले के विभिन्न तहसीलों में करीब 64 ठेका ग्रामसेवक सेवा दे रहे है। लेकिन इन्हें पिछले तीन माह से वेतन नहीं दिया गया है। नियमित ग्रामसेवक नहीं होने के कारण उन्हें ठेका कालावधि में करीब 16 हजार रूपये मानधन दिये जाने की जानकारी है। अल्प मानधन मिलने के बाद भी पिछले कुछ माह से ठेका ग्रामसेवक अपने कर्तव्य का निर्वहन पूरी ईमानदारी से कर रहे है।
दिवाली के पहले बकाया वेतन मिलेगा, ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी। लेकिन दिवाली उत्सव समाप्त होने के बाद भी वेतन नहीं मिलने के कारण इन कर्मचारियों को दिवाली अंधेरे में मनानी पड़ी। जिससे संबंधित कर्मचारियों में सरकार के प्रति तीव्र नाराजगी व्यक्त की जा रही है।






